SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 45
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २६ अट्र ) - संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष अज्झारुह-अट्टिय अज्झारुह पु [अध्यारुह] वृक्ष-विशेष । वृक्षों , अज्झोववण्ण वि [अध्युपपन्न] अत्यंत आसक्त । के ऊपर बढ़नेवाली वल्ली या शाखा वगैरह । अज्झोववाय पुं [अध्युपपाद] अत्यन्त आसक्ति, अज्झारोव पु [अध्यारोप] आरोप, उप- तल्लीनता। चार। अट । सक [अट्] भ्रमण करना । अज्झारोवण न [अध्यारोपण] आरोपण, ऊपर चढ़ाना । प्रश्न करना । अट्ट सक [कथ्] क्वाथ करना। अज्झारोह पु [अध्यारोह] देखो अज्झारुह। अट्ट अक [शुष्] सूखना । अज्झाव देखो अज्झाअ = अध्यापय् । अट्ट वि [आर्त] पीड़ित । ध्यान-विशेष-इष्टअज्झावग देखो अज्झावय। संयोग, अनिष्ट, वियोग, रोग-निवृत्ति और अज्झावय वि [अध्यापक] शिक्षक, गुरु । भविष्य के लिए चिन्ता करना । °ण वि अज्झावस अक [अध्या + वस्] वास करना। [ज्ञ] पीड़ित की पीड़ा को जाननेवाला । अज्झास पु [अध्यास] ऊपर बैठना । निवास- | अट्र वि [ऋत] गत, प्राप्त । स्थान। अट्ट पुन दूकान । महल के ऊपर का घर, अज्झासणा स्त्री [अध्यासना सहन करना। अटारी। आकाश । अज्झासिअ वि [अध्यासित] आश्रित, | अट्ट वि [दे] दुर्बल । बड़ा, महान् । बेशरम । अधिष्ठित । स्थापित । आलसी । पुंशुक । आवाज । न. सुख । अज्झाहय वि [अध्याहत] उत्तेजित । असत्योक्ति। अज्झीण वि [अक्षोण] अखूट । न. अध्ययन । अट्ट वि दे] गत । अज्झुववज्ज देखो अज्झोववज्ज। अट्टहास पु देखो अट्टहास । अज्झुववण्ण देखो अज्झोववण्ण । अज्झुववाय देखो अज्झोववाय । अट्टण न [अट्टन] व्यायाम, कसरत । पु. इस अज्झसिअ वि [अध्युषित] आश्रित । नाम का एक प्रसिद्ध मल्ल । °साला स्त्री अज्झुसिर वि [अशुषिर] छिद्र-रहित । [°शाला] व्यायाम-शाला। अज्झेउ वि [अध्येत] पढ़नेवाला । अट्टणा स्त्री [आवर्तना] आवृत्ति । अज्झेल्ली स्त्री [दे] दोहने पर भी जिसका | अट्टमट्ट वि [दे] व्यर्थ । पुं आलवाल, कियारी । दोहन हो सके ऐसी गैया । अशुभ संकल्प-विकल्प, पाप-संबद्ध अव्यवस्थित अज्झेसणा स्त्री [अध्येषणा] विशेष याचना । विचार । अज्झोयरग । पु [अध्यवपूरक] साधु के अट्टय पु [अट्टक] हाट । पात्र के छिद्र को अज्झोयरय J लिए अधिक रसोई करना । बन्द करने में उपयुक्त द्रव्य-विशेष । साधु के लिए बढ़ाकर की हुई रसोई। अट्टयक्कली स्त्री [दे] कमर पर हाथ रखकर अज्झोल्लिआ स्त्री [दे] वक्षः-स्थल के आभू खड़ा रहना। षण में की जाती मोतियों की रचना । | अट्टहास पुखिलखिला कर हँसना । अज्झोवगमिय वि [आभ्युपगमिक] स्वेच्छा अट्टालग । पुन [अट्टालक] महल का से स्वीकृत। अट्टालय ) उपरिभाग, अटारी ।। अज्झोववज्ज अक [अध्युप + पद्] अत्यासक्त अट्टि स्त्री [आति] पीड़ा। होना, आसक्ति करना। अट्टिय वि [अदित] व्याकुल, व्यग्र । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy