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________________ ४३६ तुप्पइअ तुप्पलिअ तुप्पविअ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष [दे] घी से लिप्त । तुमंतु पुं [दे] क्रोध-कृत मनो-विकार - विशेष । तिरस्कार-वचन, तू-तू । वाक्- कलह | वि. तुकारे से बात कहनेवाला । | तुरी स्त्री [दे] पीन, पुष्ट । शय्या का उप करण । तुमुल पुं. लोमहर्षण युद्ध, भयानक संग्राम | म. शोरगुल । तुम्ह स [ युष्मत् ] तुम, आप । तुम्हर वि [ त्वदीय] तुम्हारा । तुम्हर वि [ युष्मदीय] आपका, तुम्हारा । तुम्हार (अप) ऊपर देखो । तुम्हारिस वि [ युष्मादृश] आपके जैसा, तुम्हारे जैसा । तुम्हे वि [ष्माक] आपका, तुम्हारा । तुट्ट अ [त्वग् + वृत्] पार्श्व को घुमाना, करवट फिराना । तुरंग पुं [तुरङ्गम] घोड़ा । तुरंगिआ स्त्री [तुरङ्गिका ] घोड़ी । तुरक्क पुं [दे. तुरुष्क] तुर्किस्तान । तुर्क जाति । तुरंग देखो तुरय । "मुह पुं [मुख] अनार्य देश-विशेष । ° मेढ़ग पुं ['मेढ्रक] अनार्य देश - विशेष | तुप्पइअ - तुवरा तुरिअ वि [तुर्य ] चतुर्थ । निद्दा स्त्री [नद्रा ] मरणदशा | तुरमणो देखो तुरुमणी । | तुरय पुं [तुरग] अश्व | छन्द-विशेष | देह - पिंजरण न [ देहपिञ्जरण] अश्व को सिंगारना, सँवारना, शृंगार करना । देखो तुरग । तुरयमुह देखो तुरग-मुह । त्वरावाला । तुरिअवि [ त्वरित] उतावला । " गइ वि [गति ] शीघ्र गतिवाला । पुं. अमितगति नामक इन्द्र का एक लोकपाल । Jain Education International तुरिअन [ तूर्य] बाजा । तुरिमिणी देखो तुरुमणी । तुल° देखो तुला । तुलंगा देखो तुलग्गा । तुलग्ग न [ दे] काकतालीय न्याय । लग्गा स्त्री [दे] स्वैरिता, स्वेच्छा । तुलण न [तुलन ] सौलना, वोलन । तुलणा न [तुलना ] तौलना, तोलन । तौल, तुर अक [त्वर्] त्वरा होना, जल्दी होना । तुर° स्त्री [त्वरा ] शीघ्रता । 'वंत तुरा [°वत्] त्वरा युक्तः । वजन । तुरंग पुं [तुरङ्ग] अश्व, रामचन्द्र का एक तुलय वि [तोलक] तोलनेवाला । सुभट । रुन [] वाद्य-विशेष | तुरुक्क न [ तुरुष्क ] लोबान, सिल्हक । पुं. तुर्किस्तान | वि. तुर्किस्तान का । तुरुक्की स्त्री [तुरुष्की] लिपि-विशेष | तुरुमणी स्त्री [] नगरी - विशेष । तुल स [तोलय् ] तौलना । उठाना । ठीकठीक निश्चय करना । तुलसि स्त्री [तुलसिका ] नीचे देखो । तुलसी स्त्री [दे. तुलसी ] लता-विशेष, तुलसी । तुला स्त्री राशि -विशेष । तराजू । उपमा, सादृश्य । १०५ या ५०० पल का एक नाप । 'सम वि. राग-द्वेष से रहित, मध्यस्थ । तुलिअ वि [तुलित ] उठाया हुआ, ऊँचा किया हुआ । तौला हुआ | गुना हुआ । तुल्ल वि [ तुल्य ] समान । तुवट्ट देखो तुयट्ट | तुवट्ट पुं [त्वग्वर्त ] शयन, लेटना । तुवर अक [त्वर् ] त्वरा होना, शीघ्र होना, तेज होना । तुवर पुंन. कषाय रस । वि. कषाय रसवाला, कसैला । तुवरा देखो तुरा । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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