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________________ तुवरी-ते संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष ४३७ तुवरी स्त्री. अन्न-विशेष, अरहर । तूरविअ वि [त्वरित] जिसको शीघ्रता कराई तुस पुं [तुष] कोदव या कोदो आदि तुच्छ गई हो वह । धान्य । भूसी। तूरिय पुं [तौयिक] वाद्य बजानेवाला, बजतुसणीअ वि [तूष्णीक] मौनी । नियाँ। तुसली स्त्री [दे] धान्य-विशेष ।। तूरी स्त्री [दे] एक प्रकार की मिट्टी। तुसार न [तुषार] हिम । °कर पुं. चन्द्र। तूल न. रुई, बीज-रहित कपास । तुसारअर देखो तुसार-कर।। तूलिअ न. नीचे देखो। तुसिण देखो तुसणीअ। | तुलिआ स्त्री [तूलिका] रुई से भरा मोटा तुसिणिय । वि [तूष्णीक] मौनी, वचन- - बिछौना, गहा, तोशक । तसवीर-चित्र तुसिणीय , रहित । बनाने की कलम । तुसिणी अ [तूष्णीम्] मौन, चुप्पी। तुलिणी स्त्री [दे] शाल्मली का पेड़ । तुसिय [तुषित] लोकान्तिक देवों की एक तूलिल्ल वि [तूलिकावत्] तसवीर बनाने की जाति । कलमवाला, कूचिका-युक्त। तुसेअजंभ न [दे] काष्ठ । तूली स्त्री. देखो तूलिआ। तुसोदग । न [तुषोदक] ब्रोहि आदि का । तूवर देखो तुवर । तुसोदय धौत-जल -- धोवन । तूस अक [तुष्] खुश होना । तुस्स देखो तूस = तुषु । तूह देखो तित्थ। तुह स [त्वत्] तुम । °तणय वि [°सम्बधिन] तुम्हारा, तुमसे सम्बन्ध रखनेवाला। तूहण पुद] आदना । ते' देखो ति - त्रि। तुहग पुं. कन्द की एक जाति । आलीस स्त्रीन तुहार (अप) वि [त्वदीय] तुम्हारा । ["चत्वारिंशत् ] चालीस और तीन की संख्या। तेआलीस की संख्यातुहिण न [तुहिन] तुषार, बर्फ । °इरि पुं वाला । "आलीसइम वि ["चत्वारिंश] [°गिरि हिमाचल पर्वत । कर पुं. चन्द्रमा । तेआलीसवाँ । 'आसी स्त्री [°अशीति] °गिरि देखो इरि । लय पुं. हिमालय पर्वत । तीरासी की संख्या । तिरासी की संख्यावाला । तुहिणायल पुं [तुहिनाचल] हिमालय पर्वत । आसीइम वि ['अशीतितम] तिरासीवाँ । तूअ पुंदे] ईख का काम करनेवाला। । °इंदिय पुं [इन्द्रिय] स्पर्श, जीभ और नाक तूण पुन. भाथा, तरकस। इन तीन इन्द्रियवाला प्राणी । ओय पुं तूणइल्ल पुन [तूणावत्। तूणा नामक वाद्य ["ओजस्] विषम राशि-विशेष । °णउइ स्त्री बजानेवाला। [°नवति] तिरानबे । °णउय वि [ नवत] तूणय पुं [तूणक वाद्य-विशेष । तिरानबेवाँ । वड देखो °णउइ । तीस, तूणा ) स्त्री. वाद्य-विशेष । इषुधि, भाथा । । त्तोस स्त्रीन[त्रयस्त्रिंशत् तेतीस । °त्तीसतूणि° । इम वि [त्रयस्त्रिंश] तेतीसवाँ । °वट्टि स्त्री तूयरी स्त्री [तूवरी] रहर, अरहर । [षष्टि] तिरसठ । °वण्ण स्त्रीन [°पञ्चातूर देखो तुरव । शत्] वेपन । वत्तरि स्त्री [°सप्तति] तुर पुन [तूर्य] वाद्य, बाजा, तुरही। वइ पुं तिहत्तर । °वीस स्त्रीन[त्रयोविंशति] तेइस । [°पति] नटों का मुखिया। वीस, वीसइम वि [त्रयोविंश] तेईसवाँ । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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