SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 454
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ तुंबरु-तुप्प संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष वीणा स्त्री. वाद्य-विशेष । °वीणिय वि तुडिअ न [दे. त्रुटित] वाद्य । बाहु-रक्षक, [°वीणिक वही पूर्वोक्त अर्थ। हाथ का आभरण-विशेष । संख्या-विशेष तुंबरु देखो तुंबुरु। 'तुडिअंग' को चौरासी लाख से गुणने पर जो तुंबा स्त्री [तुम्बा] लोकपाल देवों की एक संख्या लब्ध हो वह । सांधा, फटे हुए वस्त्र अभ्यन्तर परिषद् । आदि में लगायी जाती पट्टी, पेवन । तुंबाग पुंन [तुम्बक] कद्दू, लौकी । | तुडिअंग न [दे. त्रुटिताङ्ग] संख्या-विशेष, तुंबिणी स्त्री [तुम्बिनी] वल्ली-विशेष । __ 'पूर्व' को चौरासी लाख से गुणने पर जो तुंबिल्ली स्त्री [दे] मधु-पटल । उदूखल । __ संख्या लब्ध हो वह । पुं. वाद्य देनेवाला कल्पतुंबी स्त्री [तुम्बी] अलाबू, लौकी । जैन-साधुओं वृक्ष । का एक पात्र, तपरनी। तुडिआ स्त्री [तुडिता] लोकपाल देवों के अग्रतुंबुरु पुं [तुम्बुरु] टिंबरू का पेड़ । गन्धर्व | महिषियों की मध्यम परिषद् । देवों की एक जाति । भगवान् सुमतिनाथ का | तुडिआ स्त्री [दे. तुटिका] बाहु-रक्षिका, हाथ शासनाधिष्ठायक देव । शक्रेन्द्र के गन्धर्व-सैन्य | __का आभरण-विशेष । का भधिपति देव-विशेष । तुणय पुं [दे] वाद्य-विशेष । तुक्खार पुं [दे] एक उत्तम जाति का अश्व । तुण्णग देखो तुण्णाग। देखो तोक्खार। तुण्णण न [तुन्नन] फटे हुए वस्त्र का सन्धान। तुच्छ पुंस्त्रो [तुच्छा] रिक्ता तिथि, चतुर्थी, तुण्णाग पुं [तुन्नवाय] वस्त्र को साँधनेनवमी तथा चतुर्दशी तिथि । तुण्णाय । वाला, रफू करनेवाला, शिल्पी । तुच्छ वि [दे] सूखा, नीरस । | तुण्णिय वि [तुन्नित] रफू किया हुआ, साँधा हुआ। तुच्छ वि. हलका,जघन्य, निकृष्ट, हीन । अल्प। तुण्हि अ [तूष्णीम्] मौन, चुपचाप, चुपके से । शून्य, रिक्त । निःसार । अपूर्ण । तुच्छइअ । वि [दे] अनुराग-प्राप्त । तुण्हि पुं [दे] सूअर । तुच्छय । तुण्हिअ । वि [तूष्णीक] मौन रहा हुआ, चुप तुच्छिम पुंस्त्री [तुच्छत्व] तुच्छता । तुण्हिक्क रहनेवाला। तुज्ज न तूर्य] बाजा। तुम्हि देखो तुण्हि = तूष्णीम् । तुट्ट अक [त्रुट, तुड्] टूटना, छिन्न होना, तुण्हिक्क वि [दे] मृदु-निश्चल । खण्डित होना । घटना, बीतना । तुण्हीअ देखो तुण्हि। तुट्र वि [त्रुटित] टूटा हुआ, छिन्न, खण्डित । तुत्त देखो तोत्त। तुट्टण न [त्रोटन] विच्छेद, पृथक्करण । तुद देखो तुअ। तुट्ठ वि [तुष्ट] सन्तुष्ट, खुश । तुद पुं [तोद] अरदार डंडा, चाबुक । तुट्ठि स्त्री [तुष्टि] खुशी, आनन्द, सन्तोष । | तुन्नण न [तुन्नन] रफू करना। कृपा, मेहरबानी। तुन्नार पुं [तुन्नकार] रफू करनेवाला शिल्पी। तुड अक [तुड्] टूटना, अलग होना। तुप्प पुं [दे] कौतुक । विवाह । सरसों । कुतुप, तुडि स्त्री [त्रुटि] न्यूनता, कमी । दोष, दूषण । घी आदि भरने का चर्म-पात्र । वि. चुपड़ा सन्देह । हुआ, घी आदि से लिप्त । स्निग्ध । न. घी । तुभि न [तुटिक] अन्तःपुर। तुप्प वि [दे] वेष्टित । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy