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________________ णवकार-णह संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष ३७७ स्त्री [ति] संख्या-विशेष नब्बे। ग न | णवरिअ न [दे] सहसा, जल्दी । [°क नव का समुदाय । जोयणिय वि णवरु देखो णवर । [योजनिक ] नव योजन का परिमाणवाला। णवलया स्त्री [दे] वह व्रत जिसमें पति का °णउइ, 'नउइ स्त्री [°नवति] निन्यानबे । | नाम पूछने पर उसे नहीं बतानेवाली स्त्री 'नउय वि [°नवत] ९९ वाँ । 'नवइ देखो | पलाश की लता से ताड़ित की जाती है । °णउइ । 'नमिया स्त्री [°नवमिका] णवसिअ न [दे] उपयाचितक, मनौती । जैन साधु का व्रत-विशेष । 'म वि. नववाँ । णवा स्त्री [नवा] दुलहिन । युवति । जिसको °मी स्त्री. पक्ष का नववाँ दिवस । °मीपक्ख | दीक्षा लिए तीन वर्ष हुए हों ऐसी साध्वी । पुं [°मीपक्ष] अष्टमी । अ. प्रश्नार्थक अव्यय, अथवा नहीं ? णवकार देखो णमोक्कार। णवि अ. वैपरीत्य-सूचक अव्यय । निषेधार्थक णवकारसी स्त्री [नमस्कारसहित] प्रत्या अव्यय । ख्यान-विशेष, व्रत-विशेष । णविअ वि [नव्य] नूतन । णवख (अप) वि [नव] अनोखा, नया । णवीण वि [नवीन] नया। णवणीअ पुन [नवनीत] मसका। णवुत्तरसय वि [नवोत्तरशततम] एक सौ णवणीइया स्त्री [नवनीतिका] वनस्पति नववाँ। विशेष । णवुल्लडय (अप) देखो णव = नव । णवपय न [नवपद] नमस्कार-मन्त्र । णवोढा स्त्री [नवोढा] नव-विवाहिता स्त्री। णवमालिया स्त्री [नवमालिका] पुष्प-प्रधान णवोद्धरण न [दे] उच्छिष्ट । वनस्पति-विशेष, बसन्ती नेवारी, नेवार । णव्व पुं [दे] गाँव का मुखिया । णवमिया स्त्री [नवमिका] रुचक पर्वत पर णव्व वि [नव्य] नवीन । रहनेवाली एक दिक्कुमारी देवी । सत्पुरुष णव्व देखो णा = ज्ञा। नामक इन्द्र की एक अग्र-महिषी । शक्रेन्द्र की णव्वाउत्त पुं [दे] ईश्वर, धनाढ्य, भोगी। एक पटरानी। नियोगी का पुत्र, सूबेदार का लड़का । णवय देखो णव-ग। णवय देखो णयय। णस सक [नि +अस्] स्थापन करना । णवयार देखो णवकार। णस अक [ नश् ] पलायन करना। णवर सक [कथ] कहना । णसण न [न्यसन] न्यास, स्थापन । णवर । अ. केवल, सिर्फ । अनन्तर । णसा स्त्री [दे] नाड़ी। णसिअ वि [नष्ट] नाश-प्राप्त । णवरंग । पुं [नवरङ्ग, क] नूतन रंग । णस्स देखो नस = नश् । णवरंगय । छन्द-विशेष । कौसुम्भ रंग का णस्सर वि [नश्वर] विनश्वर, भंगुर । वस्त्र । णस्सा स्त्री [नासा] नासिका। णवरत्ति स्त्री [नवरात्रि] नव दिनों का णह देखो णक्ख । आश्विन मास का एक पर्व । णह न [नभस्] आकाश । पुं. श्रावण मास । णवरि अ [दे] शीघ्र । °अर वि [°चर] आकाश में विचरनेवाला । णवरि । देखो णवर । पुं. विद्याधर। केउमंडिय न [°केतुणवरिअ मण्डित] विद्याधरों का एक नगर । गमा ४८ णवरं । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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