SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 397
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ३७८ स्त्री. आकाश-गामिनी विद्या । गामिणी. स्त्री [गामिनी] आकाशगामिनी विद्या । च्चर देखो 'अर । च्छेदणय न [च्छेदनक] नख उतारने का शस्त्र । तिलय न [तिलक ] नगर - विशेष । सुभट - विशेष | 'वाहण पुं [वाहन ] नृप विशेष । °सिर न [°शिरस्] नख का अग्र भाग । स्त्री [शिखा ] नख का अग्र भाग । पुं [°सेन] राजा उग्रसेन का एक पुत्र | 'हरणी स्त्री. नख उतारने का शस्त्र । सिहा ' सेण हंसि वि [ नखवत् ] नखवाला | हमुह पुं [दे] घूक, उल्लू । हर [नखर] नख । हरण पुं [दे] नखी, नखवाला जन्तु, श्वापद । हरणी स्त्री [ नखहरणी] नख उतारने का संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष शस्त्र । णहराल पुं [ नखरिन् ] नखवाला जन्तु । हरी स्त्री [दे] छुरी । हवल्ली स्त्री [दे] बिजली | हारुन [ स्नायु ] स्नायु, नाड़ी । हि पुं [ नखिन् ] नख- प्रधान जन्तु श्वापद 1 णाअअ जन्तु । अ [हि] निषेधार्थक अव्यय, नहीं । हु अ [ न खलु ] ऊपर देखो । IT सक [ज्ञा] जानना, समझना । अ [न] निषेध सूचक अव्यय । देखो णायग । अक्क (अप) देखो णायग । पुं [ज्ञाति] इक्ष्वाकु वंश में उत्पन्न क्षत्रियविशेष | 'पुत्त पुं [° पुत्र ] भगवान् श्री महावीर । सुय पुं [सुत] भगवान् श्री महावीर । नाइ स्त्री [ज्ञाति] नात, समान जाति । माता पिता आदि स्वजन, सगा । ज्ञान, बोध | णाअक्क श्वापद Jain Education International ाइ (अप) देखो इव । गाइ (अप) नीचे देखो । णाई देखो ण = न । हंसि - नाग इणी (अप) स्त्री [नागी] नागिन । पुं [दे] जहाज द्वारा करनेवाला सौदागर । णाइत्त णाइत्तग णाइय वि [नादित] कथित, पुकारा हुआ । न. आवाज । प्रतिध्वनि । व्यापार णाइल पुं [ नागिल ] एक जैन मुनि । जैन मुनियों का एक वंश । एक श्रेष्ठी । पाइला स्त्री [नागिला ] जैन मुनियों को एक शाखा । णाइली णाइल देखो णाइल | ाइव वि [ ज्ञातिमत् ] स्वजन-युक्त | उवि [ज्ञातृ] जानकार । उड्डु पुं [दे] सद्भाव, सन्निष्ठा । अभिप्राय । मनोरथ । पाउल वि [दे] गोमान् जिसके पास अनेक गया हों । For Private & Personal Use Only नाग पुन [नाक] स्वर्ग । नाग पुं [ नाग] साँप । भवनपति देवों की एक अवान्तर जाति, नाग कुमार देव | हाथी । वृक्ष - विशेष | एक गृहस्थ । एक प्रसिद्ध वंश | नाग वंश में उत्पन्न । एक जैन आचार्य । एक द्वीप । एक समुद्र । वक्षस्कार पर्वत - विशेष | न ज्योतिष - प्रसिद्ध एक स्थिर करण | 'कुमार पुं. भवनपति देवों की एक अवान्तर जाति । ° केसर पुं. पुष्प-प्रधान वनस्पति- विशेष | 'गह पुं [ग्रह] नाग देवता के आवेश से उत्पन्न ज्वर आदि । ° जण पुं [ 'यज्ञ ] नाग पूजा का उत्सव । ' ज्जुण पुं [र्जुन] एक जैन आचार्य | दंत पुं 'दत्त पुं. एक राज - पुत्र | एक श्रेष्ठि- पुत्र | 'पइ पुं [पति] नाग कुमार देवों का राजा, नागेन्द्र । पुर न. नगर - विशेष । 'बाण पुं. दिव्य अस्त्र - विशेष | ° भद्द पुं [°भद्र ] नाग ['दन्त] खूंटी | www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy