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________________ जूड-जोअ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष ३५७ जूड पु [जूट] केश-कलाप। अव्यय । जूय न [यूप] लगातार छः दिनों का उपवास। जेअ वि [जेय] जीतने योग्य । जूयय । पु[यूपक] शुक्ल पक्ष की द्वितीया जेअ ) वि [जेतृ] विजेता । जवय | आदि तीन दिनों में होती चन्द्र की जेउ । कला और सन्ध्या के प्रकाश का मिश्रण ।। जेक्कार पु [जयकार] स्तुति । जूर सक [गह] निन्दा करना। जे? देखो जि? - ज्येष्ठ । जूर अक [ क्रुध ] गुस्सा करना । जे? देखो जिट्ठ = ज्येष्ठ । जूर अक [खिद] अफसोस करना। जेट्टा देखो जिट्ठा । मूल पुं. जेठ मास । जूर अक [ जूर् ] झुरना, सूखना । सक. हिंसा मूली स्त्री. जेठ मास की पूर्णिमा और करना। अमावस्या। जूरव सक [ वश्च ] ठगना । जेण देखो जइण = जैन । जूरवण वि [ वञ्चन् ] ठगनेवाला । जेण अ [येन] लक्षण-सचक अव्यय । जूरावण न [जूरण] झुराना, शोषण । जेत्त वि [ यावत् ] जितना। जूराविअ वि [क्रोधित] कोपित । जेत्त देखो जइत्त। जूरुम्मिलय वि [दे] निबिड, सान्द्र । जेत्तिअ । वि [यावत्] जितना । जूल देखो जूर = क्रुध् । जेत्तिल जूव देखो जूअ = द्यूत। जेत्तिक (शौ) ऊपर देखो। जूव । देखो जूअ = यूप। जेत्तल्ल । (अप) ऊपर देखो। जूस देखो झूस। जेद्दह देखो जेत्ति। जूस पुंन [यूष] जूस, मूंग वगैरह का क्वाथ, | जेम सक [ जिम्, भुज् ] भोजन करना । कढ़ी। जेम (अप) अ [यथा] जैसे। जूसअ वि [दे] फेंका हुआ। जेमणय न [दे] दक्षिण अंग । जूसणा स्त्री [जोषणा] सेवा । जेमावण न [जेमन] खिलाना । जूसिय वि [जुष्ट] सेवित । क्षपित, क्षीण। जेमाविय वि [जेमित] जिसको भोजन कराया जूह न [यूथ] समूह । °वइ पु [°पति] यूथ | गया हो वह । का नायक । °ाहिव पु [धिप] पूर्वोक्त ही | जेव (शौ) देखो एव = एव । अर्थ । °ाहिवइ पु[धिपति] यूथ-नायक । जे (अप) देखो जिवँ। जूह न [यूथ] युग्म ! °काम न. लगातार चार जेवड (अप) देखो जेत्ति। दिनों का उपवास । जेव्व (शौ) देखो एव = एव । जूहिय वि [यूथिक] यूथ में उत्पन्न । जेह (अप) वि [ यादृश् ] जैसा । जूहियठाण न [यूथिकस्थान] विवाह-मण्डप जेहिल पुं. एक जैन मुनि । वाली जगह। जो । सक [ दृश् ] देखना। जूहिया स्त्री [यूथिका] जूही का पेड़ । जूही स्त्री [यूथी] माधवी लता । जोअ अक [द्युत् प्रकाशित होना। जे अ. पादपूरक अव्यय । अवधारण-सूचक जोअ सक [द्योतय] प्रकाशित करना । जेत्तुल । जूवय ) जोअ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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