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________________ २५६ केऊरपुत्त पुं [दे] गाय तथा भैंस का बच्चा । केऊव पुं [केयूप] दक्षिण समुद्र का एक संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष पाताल-कलश । काय अक [ केङ्काय् ] 'कें कें' आवाज करना । केंसुअ देखो किं । केकई स्त्री [कैकयी] रानी, केकय देश के वासुदेव की माता । वासुदेव की माता । केकय पुं. देश-विशेष | इस देश का रहनेवाला । केकय देश का राजा । केकसिया स्त्री [कैकसिका ] रावण की माता राजा दशरथ की एक राजा की कन्या । आठवें अपर - विदेह के विभीषण काइयन [केकायित ] मयूर का शब्द | क्कई देखो के कई । क्क देखो केक | केक्कसी स्त्री [कैकसी] रावण की माता । क्वाइय देखो काइय | गई देखो कई । गाइय देखो केकाइय । केज्ज वि [क्रेय ] बेचने की चीज । केट केढव का नाम । केका स्त्री. मयूर वाणी । रव पुं. मयूर की केलाय सक [समा + रचय ] साफ कर ठीक हुआ । आवाज । करना । केलास पुं [कैलास ] राहु का कृष्ण पुद्गलविशेष | स्वनाम - प्रसिद्ध पर्वतविशेष । इस नाम पुं [ कैटभ ] इस नाम का एक प्रति वासुदेव राजा । दैत्य- विशेष । रिउ पुं [°रिपु ] श्रीकृष्ण । } केत्त देखो केत्तिअ । केत्तिअ । वि [ कियत् ] कितना ? केत्तिल केत्तुल (अप) ऊपर देखो । केत्थु (अप) अ [ कुत्र ] कहाँ । केद्दह देखो केत्ति | केम केम्व haa [a] गृह | निशानी । (अप) देखो कहं । Jain Education International ऊरपुत्त - केली गिल केयण न [केतन ] वक्र-वस्तु । चंगेरी का हाथा | संकेत, संकेत स्थान । धनुष की मूठ | मछली पकड़ने का जाल । जगह । केयय देखो केकय । hear a [ क्रेतव्य] खरीदने योग्य वस्तु | केर वि [दे सम्बन्धिन् ] सम्बन्धी वस्तु | केरय केरव न [ कैरव ] सफेद कमल । कपट | केरिच्छवि [कीदृक्ष] कैसा, किस तरह का ? रिस वि [कीदृश] कैसा, किस तरह का ? केरी स्त्री [क्रकटी ] करीर का गाछ । केल देखो कयल = कदल | केलाइय वि[समारचित] साफसुथरा किया का एक नाग राज । इस नागराज का आवास पर्वत । मिट्टी का एक तरह का पात्र । देखो कइलास । ho देखो कलि । केलि स्त्री [] कन्द- विशेष | केलि) स्त्री [केलि, °ली] खेल, मजाक 1 केली । परिहास, कामक्रीड़ा । 'आर [ कार ] क्रीड़ा करनेवाला, विनोदी | 'काणण न [' कानन] क्रीड़ोद्यान । °किल, "गिल वि [ 'किल] विनोदी, क्रीड़ा प्रिय । पुं. व्यन्तर-जातीय देवविशेष । पुंन. स्थानविशेष | भवण न [भवन] क्रीड़ा-गृह विमाण न [ 'विमान ] विलास महल | 'अण न [ 'शयन ] काम - शय्या | °सेज्जा स्त्री [ शय्या ] काम शय्या | केली देखो कयली । केली स्त्री [दे] कुलटा । केलीगिल वि [कैली किल] केलीकिल स्थान में For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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