SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 276
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ केव - कोइला संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष उत्पन्न । ha" देखो के । ha (अप) देखो कहं । hasa [कियत् ] कितना ? वपुं [व] मछलीमार । has (अप) देखो के त्तिअ । केवल वि. अकेला, असहाय । अद्वितीय । शुद्ध । सम्पूर्ण । अनन्त । न सर्वश्रेष्ठ ज्ञान, सर्वज्ञता । कप्प वि [कल्प ] परिपूर्ण । णाण न ['ज्ञान] सर्वश्रेष्ठ ज्ञान, सम्पूर्ण ज्ञान । णाणि वि [ज्ञानिन् ] केवल - ज्ञानवाला, सर्वज्ञ । पुं. इस नाम के एक अर्हन् देव, अतीत उत्सपिणी - काल के प्रथम तीर्थंकर । ण्णाण, "ना देखो णाण | 'दंसण न [° दर्शन] परिपूर्ण सामान्य बोध | केवलं अ [केवलम् ] सिर्फ । केवलाअ सक [समा + रभ्] शुरू करना । केवल वि [ केवलिन् ] केवल ज्ञानवाला, सर्वज्ञ । क्खि व [ 'पाक्षिक ] स्वयं बुद्ध | पुं. जिनदेव, तीर्थंकर । केवलिअ वि [केवलिक ] केवलज्ञानवाला । सम्पूर्ण । केवलिअ वि [केवलक] केवल - ज्ञान से सम्बन्ध रखनेवाला । केवलिप्रोक्त । केवल-ज्ञानसम्बन्धी । न केवल ज्ञान, सम्पूर्ण ज्ञान । केवलिअन [कैवल्य] केवल ज्ञान । केवली स्त्री. ज्योतिष विद्या - विशेष । केस पुं [केश] बाल | पुर न वैताढ्य पर स्थित एक विद्याधर नगर । °लोअ पुं [°लोच] केशों का उन्मूलन । 'वाणिज्ज न [ वाणिज्य ] केशवाले जीवों का व्यापार । हत्थ पुं [हस्त ] केशपाश, समारचित केश । केस देखो रिस | केस देखो किलेस | केसर पुं [ कवीश्वर ] श्रेष्ठ कवि | ३३ Jain Education International २५७ केसर पुंन. एक देवविमान । पराग सिंह वगैरह के कंधा का बाल । पुं. बकुल वृक्ष । न. काम्पिल्य नगर का एक उपवन । फलविशेष | सुवर्ण । छन्द - विशेष | | पुष्प - विशेष | केसरा स्त्री. सिंह वगैरह के स्कन्ध पर के बालों की सटा । केसरि [केसरिन् ] सिंह, कण्ठीरव । नीलवन्त पर्वत पर स्थित एक हृद । नृप विशेष, भरतक्षेत्र के चतुर्थं प्रतिवासुदेव । ६ह पुं [ह] द्रह - विशेष | केसरिआ स्त्री [केसरिका ] साफ करने का कपड़े का टुकड़ा । केसरिल्ल वि [केसरवत् ] केसरवाला | केसरी स्त्री [केसरी] देखो केसरिआ । केसव पुं [केशव ] अर्ध चक्रवर्ती राजा । श्रीकृष्ण वासुदेव । सिवि [क्लेशिन् ] क्लेश-युक्त, क्लिष्ट | केसि पुं [केशि ] एक जैन मुनि, भगवान् पार्श्वनाथ के शिष्य । अश्व के रूप को धारण करनेवाला एक दैत्य | केसि पुं [केशिन्] देखो केसव | केसिअ वि [केशिक] केशवाला । केसी स्त्री [केशी] सातवें वासुदेव की माता | 'केसी स्त्री [' केशी] केशवाली स्त्री । देखो किं । केह (अप) वि [ कीदृश् ] कैसा, किस तरह का ? केहि (अप) अ. वास्ते । कैअव न [कैतव] कपट, दम्भ । कोअ देखो कोक । को देखो को | कोअंड देखो कोदंड | आ अ [fa + स् ] विकसना, खिलना । कोइल पुं [कोकिल ] कोयल । छन्द का एक भेद । च्छ्यपुं [°च्छद] तलकण्टक । कोइला स्त्री [कोकिला ] स्त्री - कोयल | For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy