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________________ २४० संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष किब्बिसिया-किरीय देव-जाति । केवल वेषधारी साधु । वि. अधम, किर पु[दे] स्अर । नीच । पापफल को भोगनेवाला दरिद्र, पंगु किर अ [किल] इन अर्थों का सूचक अव्ययवगैरह । भाण्ड-चेष्टा करनेवाला। सम्भावना । निश्चय । हेतु, निश्चित कारण । किब्बिसिया स्त्री (कैल्बिषिकी] भावना- वार्ता-प्रसिद्ध अर्थ । अरुचि । असत्य । संशय । विशेष, धर्म गुरु वगैरह की निन्दा करने की पाद पूर्ति में भी इसका प्रयोग होता है । आदत । केवल वेष-धारी साधु की वृत्ति ।। किर सक [कृ] फेंकना । पसारना । बिखेरना । किम (अप) अ [कथम्] क्यों, कैसे ? किरण पुन. किरण, रश्मि प्रभा । किमण देखो किवण। । किरणिल्ल वि [किरणवत्] किरणवाला, किमस्स पुं [किमश्च] नृप-विशेष ।। तेजस्वी। किमी पुं [कृमि] क्षुद्र जीव, कीट-विशेष । पेट किराड । पु [किरात] अनार्य देश-विदेश । में, फुनसी में और बवासीर में उत्पन्न होने- किराय , भील, एक जंगली जाति । वाला जन्तु-विशेष । द्वौन्द्रिय कीट-विशेष । किरात (शौ) देखो किराय । °य न r°ज] कृमि-तन्तु से उत्पन्न वस्त्र । किरि देखो किर - किल । राग, °राय पुं[राग] किरमिजी का रंग। किरि पु. भालू की आवाज । रासि पु[ राशि] वनस्पति विशेष । किरि पुं. स्कर। किमिघरवसण [दे] देखो किमिहरवसण। । किरिआण देखो कयाण । किमिच्छय न[किमिच्छक] इच्छानुसार दान। किरिइरिया । स्त्री [दे] कर्णोपकणिका, किमिण वि [कृमिमत्] कृमि-युक्त । किरिकिरिआ , गप । कुतूहल । किमिराय वि [दे] लाक्षा से रक्त । किरिकिरिया स्त्री [दे] वाद्य-विशेष, बाँस किमिहरवसण न [दे] रेशमी वस्त्र ।। आदि की कम्बा-लकड़ी से बना हुआ एक किमु अ. इन अर्थों का सूचक अव्यय-प्रश्न । प्रकार का बाजा। वितकं । निन्दा । निषेध । किरित्त देखो किट। किमय अ [किमुत] इन अर्थों का सूचक किरिया स्त्री [क्रिया] क्रिया कृति, व्यापार, अव्यय-प्रश्न । विकल्प । वितर्क । अतिशय ।। प्रयत्न । शास्त्रोक्त अनुष्ठान, धर्मानुष्ठान । किम्मिय न [दे. किम्मित] जड़ता। सावध व्यापार । ट्ठाण न [°स्थान] कर्मबन्ध किम्मीर वि [किर्मीर] कर्बुर । पु. राक्षस- का कारण । °वर वि [°पर] अनुष्ठान-कुशल । विशेष । वाइ वि [°वादिन] आस्तिक, जीवादि का किय देखो कीय। अस्तित्व माननेवाला। केवल क्रिया से ही कियंत वि [कियत्] कितना । मोक्ष होता है ऐसा माननेवाला । विसाल न कियत्थ देखो कयत्थ । [विशाल] एक जैन ग्रन्थांश, तेरहवां पूर्वकियव्व देखो कइअव । ग्रन्थ । किया देखो किरिया। किरोड पु [किरीट] मुकुट । कियाडिया स्त्री [दे] कान का ऊपरी भाग । | किरीडि पु [किरीटिन्] अर्जुन । कियाणं देखो कर = कृ का संकृ.। किरीत वि [क्रीत] खरीदा हुआ। कियाणग न [क्रयाणक] किराना, नमक, किरीय पु. एक म्लेच्छ देश । उसमें उत्पन्न मसाला आदि बेचने योग्य चीजें । म्लेच्छ जाति । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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