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________________ ए-एक्कूण ए सक [ आ + इ] आगमन करना । अवि [ ए ] आया हुआ । अस [ एतत् ] यह । रिस वि [दृश ] ऐसा । रूव वि [रूप] इस प्रकार का एअ देखो एग। 'आइ वि [ किन्] अकेला | रह त्रि. ब. [ दशन् ] ग्यारह की संख्या । रहम वि [दश] ग्यारहवाँ | एअ देखो एव = एव । देखो एवं । एअ एअं } संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष अंत देखो एक्कत | एआईस (अप) पुं. ब. [ एकविंशति] एक्कीस | एयारिच्छवि [एतादृश ] ऐसा । एइवि [ एजित ] कम्पित । इस देखो एईस । एईस वि [ एतादृश] ऐसा एउंजि (अप) अ [ एवमेव ] यही । एऊण देखो एगूण I एक देखो एक तथा एग। इआ अ [° दा] एक समय में । 'ल (अप) वि [क] एकाकी । लिय वि [न्]ि एकाकी | स्त्री [नवति ] एकानबे । एकूण देखो अउण = एकोन | एक्क देखो एक तथा एग । 'वए देखो एगए । सणिय वि [शनिक ] एक ही बार भोजन करनेवाला | सत्तरि स्त्री [ सप्तति] एकहत्तर | सरग, सरय [सरक, ° सर्ग] एक समान । °सि अ [स्] एक बार | ° स अ [] एक ( किसी एक ) में । सि, सिअं अ [दा ] कोई एक समय में । सि अ [स्] एक बार । इवि [T] अकेला | पुं [द] स्वनाम - ख्यात एक माण्डलिक । णय वि [नवत ] ९१ वाँ । इ रसम २४ Jain Education International इसी तरह । १८५ वि [ दश ] ग्यारहवाँ । °रह त्रि. ब. [द] ग्यारह | सीइ स्त्री [शीति] एकासी । सीइविह वि [शीतिविध ] एकासी तरह का सीय वि [ शीत ] एकासीवाँ नेत्तरस्य वि [त्तरशततम ] एक सौ एक वाँ । यर पुं [दर ] सगा भाई । यस स्त्री [ दरा ] सगी बहिन | एक्कवि [एक] अकेला | एक्क व [ ] प्रेम-तत्पर । एक्कई (अप) वि [ एकाकिन् ] एकाकी । एक्कंग न [दे] चन्दन ! एक्कंत पुं [ एकान्त ] सर्वथा । तत्त्व, प्रमेय । जरूर । असाधारणता । निर्जन, निराला । देखो एगंत । एक्कT fa [ एकै] प्रत्येक । एक्कक्कम [दे] देखो एक्केक्कम | एक्कासित्थ न [ एकसिक्थ ] तपो विशेष | एक्कग्ग देखो एग-ग्ग = एक क । एक्करिल्ल पुं [दे] देवर | एक्कड पुं [दे] कथा कहनेवाला । एक्कमुह वि [] धर्म-रहित । दरिद्र । प्रिय । एक्मेक्क वि [एकैr] प्रत्येक । एक्कल व [] प्रबल । एक्कल्लपुडिंग न [ दे] अल्प बिन्दुवाली बारिश | एकसरि अ [] शीघ्र । सम्प्रति, आजकल । एक्कसिरिआ अ [] शीघ्र । एक्कसाहिल वि [दे ] एक स्थान में रहने वाला । एक्कसिंबली स्त्री [ दे] शाल्मली - पुष्पों से नूतन फलवाली । एक्सेस देखो एग सेस । एकह देखो एग । एक्कार देखी एक्का रह । एक्कार पुं [अयस्कार ] लोहार | एकूण देखो अउ । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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