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________________ हुआ। १८४ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष ऊसर-ए ऊसर अक [उत् + स] खिसकना । दूर होना। करना । सक, त्यागना। ऊसिक्क सक [उत् + ऽवष्क] ऊँचा करना । ऊसर न [ऊषर] क्षार-भूमि । ऊसिक्किअ वि [दे] प्रदीप्त, शोभायमान । ऊसरण न [उत्सरण] आरोहण । ऊसित्त वि [उत्सिक्त] गर्वित । उद्धत । बढ़ा ऊसय पुं[उच्छ्य ] उत्सेध, ऊँचाई । उत्से हुआ। अतिशायित । धांगुल। ऊसित्त वि [अवसिक्त] उपलिप्त । ऊसल अक [उत् + लस्] उल्लसित होना । उसिय देखो उस्सिय = उच्छित । प्रादुर्भूत होना। ऊसीस ऊसल वि दे] पीन, पुष्ट । ऊसोसग | न [उच्छीषं, 'क] उसीसा । ऊसलिअ वि [दे] रोमाञ्चित । | ऊसीसय ऊसव देखो उस्सव % उत्सव । ऊसअ वि [उत्सुक] उत्कण्ठित । ऊसव देखो उस्सव = उत् + श्रि । ऊसविअ वि [दे] उद्भ्रान्त । ऊँचा किया | ऊसुअ वि [उच्छुक] जहाँ से शुक उद्गत हुआ हो वह । ऊसस सक [उत् + श्वस्] ऊँचा साँस लेना । ऊसुंभ अक [उत् + लस्] उल्लसित होना । विकसित होना । पुलकित होना। ऊमुंभिअ न [दे] गला बैठ जाय ऐसा रुदन । ऊससण न [उच्छवसन उसाँस । लद्धि ऊसुक्किअ वि [दे] विमुक्त ।। स्त्री [°लब्धि] श्वासोच्छ्वास की शक्ति । ऊसुग देखो ऊसुअ = उत्सुक । ऊसाअंत वि [दे] खेद होने पर शिथिल ।। ऊसुग न [दे] मध्य भाग । ऊसाइअ वि [दे] विक्षिप्त । उत्क्षिप्त । ऊसुम्मिअ वि [दे] उसीसा किया हुआ । ऊसार सक [उत् + सारय] दूर करना, ऊसुर न [दे] ताम्बूल । त्यागना। ऊसुरुसुंभिअ [दे] देखो ऊसुंभिअ । ऊसार पुंदे] गर्त्त-विशेष । ऊह सक [ऊह ] तर्क करना । विचारना । ऊसार पुं [आसार] वेग वाली वृष्टि । ऊह न [ऊधस्] स्तन । ऊसारि वि [आसारिन्] वेग से बरसनेवाला। ऊह पुं. विचार, विवेक-बुद्धि । तर्क । संख्याऊसास पुं [उच्छ्वास] ऊँचा श्वास । मरण । विशेष । ओध-संज्ञा, अव्यक्त ज्ञान । °णाम न [°नामन] कर्म-विशेष ।। ऊहंग न [ऊहाङ्ग] संख्या-विशेष । ऊसासय वि [उच्छ्वासक] उसाँस लेनेवाला। ऊसासिअ वि [उच्छ्वासित] बाधा-रहित ऊहसिय वि [उपहसित] जिसका उपहास किया हुआ। किया गया हो वह । ऊसाह पुं [उत्साह] उत्साह, उछाह । | ऊहापोह पुं. सोच-विचार । ऊसि सक [उत् + श्रि] ऊँचा करना, उन्नत अहिअ वि [ऊहित] अनुमान से ज्ञात । ए पुं स्वर वर्ण-विशेष । । आमन्त्रण, सम्बोधन । वाक्यालंकार । स्मए अ [ए, ऐ] इन अर्थों का सूचक अव्यय-! रण । असूया । अनुकम्पा । आह्वान । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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