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________________ १५८ संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष उदंतुर-उद्दिसिब चलनेवाले तापसों की एक जाति । | उद्दाम वि. स्वच्छन्द । प्रचण्ड, प्रखर । अव्यउदंतुर वि. जिसका दाँत बाहर आया हो वह ।। वस्थित । ऊँचा । उद्दाम पुं [दे] संघात । स्थपुट, विषमोन्नत उद्दभ पुं. छन्द का एक भेद । प्रदेश । उददंस पं. मधमक्षिका, मताण आदि लोटा | उद्दामिय वि [उद्दामित] लटकता हआ, कीट । प्रलम्बित । उद्दड्ढ पुं [उद्दग्ध] रत्नप्रभा नरक-पृथिवी का | उद्दाय अक [शुभ्] शोभित होना, अच्छा एक नरकावास । °मझिम पुं [°मध्यम] | रत्नप्रभा पृथिवी का एक न कावास । वित्त उद्दार देखो उराल = उदार । पुं [वर्त] देखो पूर्वोक्त अ। विसिट्र पं| उद्दरिअ वि [दे] युद्ध से पलायित । उत्खात, [वशिष्ट] देखो पूर्वोक्त ।। उन्मूलित। उद्दद्दर न [दे. ऊर्ध्वदर] सुभिक्ष, सुकाल । । उद्दाल सक [आ + छिद्] खींच लेना, हाथ उद्दम पुन देखो उज्जम = उद्यम । से छीन लेना। उद्दरिअ वि [दे] उखाड़ा हुआ। स्फुटित, उद्दाल पुं [अवदाल] दबाव, अवदलन । वृक्षविकसित । विशेष । अवसर्पिणी काल का प्रथम आरा समय-विशेष । उद्दरिअ वि [उद् + दृप्त] गर्वित, उद्धत । उद्दलण न [उद्दलन] विदारण । उद्दालिय वि [आच्छिन्न] छोना हुआ, खींच लिया गया । उद्दव सक [उद्, उप + द्र] उपद्रव करना, उद्दावणया स्त्री [उपद्रावणा] उपद्रव, पीड़ा करना । मारना, विनाश करना, हिंसा हैरानी। करना। उद्दाह पुं. प्रखर-दाह । आग । उद्दवअ ' [उद्रव, उपद्रव] उपद्रव । हर कत । पीड़ा । विनाश, हिंसा : उद्दाहग वि [उद्दाहक] आग लगानेवाला । उद्दवइत्तु वि [उद्घोतृ उपद्रोतृ] उपद्रव उद्दिष्ट्र वि [उद्दिष्ट] कथित, प्रतिपादित । करनेवाला । हिंसक, विनाशक । निर्दिष्ट । दान के लिए संकल्पित (अन्न, उद्दवण न [अपद्रावण] मृत्यु का छोड़कर सब पानादि)। लक्षित । न. उद्देश्य । °कड वि प्रकार का दुःख । [कृत] साधु के उद्देश्य से बनाया हुआ, साधु उद्दवाइअ देखो उड्डुवाइय । के निमित्त किया हुआ (भोजनादि)। उद्दवेत्तु देखो उद्दवइत्तु । उद्दिवा स्त्री [दे. उद्दिष्टा] अमावस्या । उद्दा सक [उद् + दा] बनाना, निर्माण उद्दित्त वि [उदीप्त] प्रज्ज्वलित । करना। उद्दिस सक [डद् + दिश्] आज्ञा करना । उद्दा अक [अव + द्रा] मरना । | उद्दिस सक [उद् + दिश्] नाम-निर्देश-पूर्वक उद्दाइआ स्त्री [उद्घोत्री, उपद्रोत्री] उपद्रव वस्तु का निरूपण करना । देखना । करनेवाली स्त्री। संकल्प करना । लक्ष्य करना। अंगीकार उद्दाइ देखो उद्दाय । करना। सम्मति लेना। समाप्त करना । उहाण स्त्री [दे] चूल्हा । उपदेश देना। उद्दाण वि [अवद्रात] मृत । उद्दिसिअ देखो उद्दिट्ट। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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