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________________ उद्दिसिअ उद्धव उद्दिस वि [] उत्प्रेक्षित, वितर्कित । उद्दरणा देखो उदीरणा । उद्दवण न [ उद्दीपन ] उत्तेजन । वि. उत्तेउद्दीपक | संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष उatara [ उद्दीपित ] प्रदीपित, प्रज्ज्वालित । उवि [ उद्भुत ] पलायित । उवि [ उपद्रुत ] हैरान किया हुआ । उद्देस देखो उद्दिस | उद्देस पुं [ उद्देश ] पठन- विषयक गुर्वाज्ञा । नाम उच्चारण । वाचन, सूत्र प्रदान, सूत्रों के मूल पाठ का अध्यापन । उद्देस पुं [ उद्देश ] नाम निर्देशपूर्वक वस्तु निरूपण । शिक्षा, उपदेश । व्यपदेश, व्यवहार | लक्ष्य । अभिप्राय, मतलब | ग्रन्थ का एक अंश । प्रदेश | गुरुप्रतिज्ञा, गुरु- वचन । जगह, स्थान | उद्देस वि [औद्देश] देखो उद्देसिय = औद्देशिक | उद्देसण न [ उद्देशन] पाठन, बाचना, अध्यापन | अधिकारिता, योग्यता । उद्देसणकाल पुं [उद्देशनकाल ] मूलसूत्र के अध्यापन का समय उद्देसियन [औद्देशिक] भिक्षा का एक दोष, साधु के लिए भोजन- निर्माण । वि. साधु निमित्त बनाया हुआ (भोजन) । उद्देसिय वि [ औद्देशिक] उद्देश सम्बन्धी उद्देश से किया हुआ । विवाह आदि के उपलक्ष्य में किये गये जीमन में निमन्त्रितों के भोजन की समाप्ति के अनन्तर बचे हुए वे खाद्य द्रव्य जिनको सर्वजातीय भिक्षुओं को देने का संकल्प किया गया हो । उद्देह पु. भगवान् महावीर का एक गण -- साधु समुदाय । उद्देहिया उद्देही उद्देहलिया स्त्री [उद्देहलिका ] वनस्पति- विशेष । स्त्री [दे] दीमक, त्रीन्द्रिय जन्तु - विशेष | } Jain Education International १५९ उद्दोग व [ उद्रोहक] घातक । उद्ध देखो उड्ढ । उद्धअवि [ उद्धत ] उन्मत्त । उत्पादित । अतिप्रबल । उद्धअ देखो उद्धरिअ = उद्धृत । उद्धअवि [दे] शान्त, ठण्ढा । उस सक [ उत् + धृष्] मारना । आक्रोश करना, गाली देना । वध करना । उद्धंससक [ उद् + ध्वंस्] विनाश करना । उद्धच्छवि वि [] विसम्वादित, अप्रमाणित । उद्धच्छविअवि [दे] सज्जित । उद्धच्छिवि [दे] निषिद्ध | अभिमानी । उद्घड वि [ उद्धृत] उठा कर रखा हुआ । उद्घण व [] अविनीत | उद्धत्थवि [] वञ्चित । उद्धदेहिय न [ और्ध्वदेहिक ] अग्नि संस्कार आदि अन्त्येष्टि क्रिया । उद्धम सक [ उद् + हन्] शङ्ख वगैरह फूंकना, वायु भरना । ऊँचा फेंकना, उड़ाना । उद्धर सक [ उद् + ह् ] फँसे हुए को निकालना । उन्मूलन करना | दूर करना । खींचना | जीर्ण मन्दिर वगैरह का परिष्कार-संस्कार करना | किसी ग्रन्थ या लेख के अंश-विशेष को दूसरी पुस्तक या लेख में अविकल नकल करना । उद्धर (अप) देखो उङ्कुर | उद्धरण वि [दे] उच्छिष्ट । उद्धरिअ वि [ उद्धृत ] उत्पाटित, उत्क्षिप्त । किसी ग्रन्थ या लेख के अंश - विशेष को दूसरे पुस्तक या लेख में अविकल नकल कर देना । आकृष्ट । निष्कासित | जीर्ण वस्तु का परिष्कार करना । For Private & Personal Use Only उद्धरिअवि [] अदित, विनाशित। उद्धल पुं [दे] दोनों तरफ की अप्रवृत्ति । उद्धव पुं. ऊधो, श्रीकृष्ण का चाचा, मित्र और भक्त । www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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