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________________ पत्र । इच्छकार-इत्तरिय संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष चाहना। न. स्व-सिद्धान्त । न. निर्विकृति-तप । यागइच्छकार देखो इच्छा-कार। क्रिया । इच्छक्कार [इच्छाकार] 'इच्छा' शब्द । इट्ठि स्त्री [इष्टि] इच्छा । याग-विशेष । इच्छा स्त्री. पक्ष की ग्यारहवीं रात्रि । अभि- इट्ठि स्त्री कृष्टि] खिंचाव, खींचना । लाषा, चाह । कार पुं. स्वकीय-इच्छा । छंद इडा स्त्री. शरीर के बाएँ भाग में स्थित वि [°च्छन्द] इच्छा के अनुकूल । °णुलोम __ नाड़ी। वि [°नुलोम] इच्छा के अनुकूल । °णलोमिय इड्डर न [दे] गाड़ी। वि [°नुलोमिक] इच्छा के अनुकूल । 'पणिय इड्डरग । न [दे] रसोई ढकने का बड़ा वि [°प्रणीत] इच्छानुसार किया हुआ। 'परिमाण न. परिग्राह्य वस्तुओं के विषय की इड्डारया स्त्री [दे] मिष्ठान्न-विशेष । इच्छा का परिमाण करना, श्रावक का पाँचवाँ इड्ढ वि [ऋद्ध] ऋद्धि-सम्पन्न । व्रत । मुच्छा स्त्री [°मूर्छा] अत्यासक्ति, इड्ढि स्त्री [ऋद्धि] ऐश्वर्य । लब्धि, शक्ति, प्रबल इच्छा । लोभ पु. प्रबल लोभ । सामर्थ्य । पदवी। गारव न [गौरव] सम्पत्ति या पदवी आदि प्राप्त होने पर °लोभिय वि ["लोभिक] महालोभी। लोल अभिमान और प्राप्त न होने पर उसकी पुं. महान् लोभ । वि. महालोभी। लालसा । पत्त वि [प्राप्त] ऋद्धिशाली। --- "इच्छा स्त्री [दित्सा] देने की इच्छा। म, मंत वि [ मत्] ऋद्धिवाला । इच्छु देखो इक्खु । -- इड्ढिसिय वि [दे मांगन की एक जाति । इच्छु वि [इच्छु] अभिलाषी। इज्ज सक [आ + इ] आना, आगमन करना । इणं । अ [एतत् यह । इज्ज पुन [इज्या यज्ञ । इज्जा स्त्री [इज्या] याग । ब्राह्मणों का "इण्ण देखो दिण्ण। °इण्ण देखो किण्ण। सन्ध्यार्चन । इज्जा स्त्री [दे] जननी। इण्ह न [चिह्न] निशान । इज्जिसिय वि [इज्यैषिक पूजा का "इण्हा स्त्री [तृष्णा] प्यास, स्पृहा । अभिलाषी। इण्हि अ [इदानीम्] इस समय । इज्झा अक [इन्ध चमकना । इतरेतरासय पुं [इतरेतराश्रय] तर्कशास्त्र प्रसिद्ध एक दोष, परस्पर एक दूसरे की इट्टग [द] सेवईं। अपेक्षा । इट्टगा स्त्री [दे] खाद्य-विशेष, सेव । इति देखो इइ। "हास पुं. पूर्ववृत्तान्त, पुराइट्टगा स्त्री [इष्टका] नीचे देखो इट्टा। वृत्त । पुराणशास्त्र । इट्टवाय देखो इट्टा-वाय । इत्तर वि [इत्वर] थोड़ा। अल्प-कालिक । इट्टा स्त्री [इष्टका] ईंट । °पाय, वाय पुं परिग्गहा स्त्री [°परिग्रहा] थोड़े समय के [पाक] ईंटों का पकना । जहाँ पर ईंटें के लिए रक्खी हुई वेश्या आदि । परिग्गपकाई जाती हैं वह स्थान । हिया स्त्री ['परिगृहीता] देखो °परिइट्टाल न. ईंट का टुकड़ा। ग्गहा। इट्ट वि [इष्ट] अभिलषित, अभिप्रेत, पूजित, इत्तरिय वि [इत्वरिक] ऊपर देखो। सत्कृत । आगमोक्त, सिद्धान्त से अविरुद्ध । इत्तरिय देखो इयर । इणमो। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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