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________________ आरंभग-आराह [विनय ] आरम्भ का अभाव । [विनयन्] आरम्भ से विरत । आरंभग पुं [आरम्भक] ऊपर आरंभय वि. शुरू करनेवाला । हिंसक पाप-कर्म करनेवाला । देखो । संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष विणइ वि । आरत्तिय न [आरात्रिक] आरती । आरद्ध वि [ आरब्ध] शुरू किया हुआ (काल) | आरंभि पुं [दे] माली । आरंभिया स्त्री [आरम्भिकी] हिंसा से सम्बन्ध रखनेवाली क्रिया । हिंसक क्रिया से होनेवाला कर्म-बन्ध | आरक्खग वि [आरक्षक ] रक्षण करनेवाला | त्राता । पुं. क्षत्रियों का एक वंश । वि. उस वंश में उत्पन्न । आरक्खि वि [आरक्षिन् ] रक्षक, त्राता । आरविखग आरविख वि [आरक्षिक ] रक्षक, त्राता । पुं. कोतवाल । आरज्झ सक [ आ + राध्] आराधन करना । आरज्झवि [आराध्य ] पूज्य, माननीय | आरड सक [ आ + रट् ] चिल्लाना । रोना । आरडिअन [दे] विलाप, क्रन्दन । वि. चित्रयुक्त आरण पुं. देवलोक - विशेष । उस देवलोक का निवासी देव । पुंन. एक देवविमान । आरण न [ दे] होठ । फलक । आरणाल न [आरनाल ] कांजी, साबूदाना । आरणाल न [ दे] कमल । आरण्ण वि [आरण्य] जंगली, जंगल-निवासी । आरण्णग आरण्णय fa [आरण्यक ] जंगली, जंगलनिवासी, जंगल में उत्पन्न । न. शास्त्र - विशेष, उपनिषद् - विशेष | आरण्णय वि [ आरण्यक ] जंगल में बसने - वाला (तापस आदि) । आरत वि. थोड़ा रक्त । अत्यन्त अनुरक्त । Jain Education International आरंभ देखो आरंभ = आ + रभु । आरभड न [आरभट ] नृत्य का एक भेद । इस नाम का एक मुहूर्त्त । एक तरह की नाट्यविधि । भसोलन. नाट्यविधि-विशेष । आरभडा स्त्री [आरभटा] प्रतिलेखना विशेष । आरक्ख वि [आरक्ष] रक्षण करनेवाला । पुं. आरभिय न [आरभित] नाट्यविधि-विशेष । आरयवि [आरत] उपरत | अपगत । आरय वि [आरत] उपरत, सर्वथा निवृत्त । आरव पुं. शब्द, आवाज, ध्वनि । आरक्ख न [आरक्ष्य ] कोतवाल का ओहदा, कोतवाली, आरक्षकता । कोतवाल | 1 आरद्ध वि [दे] बढ़ा हुआ । सतृष्ण, उत्सुक । घर में आया हुआ । आरब देखो आरव । ११७ आरव पु [आरब] इस नाम का एक प्रसिद्ध म्लेच्छ-देश | वि. अरब देश में उत्पन्न, अरब देश का निवासी । आरविंद वि [आरविन्द ] कमल-सम्बन्धी । आरस सक [ आ + रस् ] चिल्लाना, बूम मारना । आरसिय पुं' [आदर्श ] दर्पण | आरह देखो आरभ । अरहंत आरतिय वि [ आर्हत] अर्हन् का, जिनदेव सम्बन्धी | आरा स्त्री. लोहे की सलाई, पैने में डाली जाती लोहे की खीली । For Private & Personal Use Only आरा अ [आरात् ] अर्वाक्, पहले । पूर्व-भाग । आइवि [] गृहीत, स्वीकृत । प्राप्त । आराडि स्त्री [आराटि] चीत्कार, चिल्लाहट । आराडी स्त्री [दे] देखो आरडिअ । आराम पुंन. बगीचा, उपवन । आरामिअ पुं [आरामिक ] माली । आराव पु [आराव ] शब्द, आवाज । आराह सक [ आ + राधय् ] सेवा करना, भक्ति करना । ठीक-ठीक पालन करना । www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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