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________________ असो- असि जिसमें ओले गिरते हैं । अति भयंकर वर्षा, प्रलय मेघ । वेग पुं. विद्याधरों का एक संक्षिप्त प्राकृत-हिन्दी कोष राजा । असणी स्त्री [अशनी] एक इन्द्राणी । जीभ, जिह्वा । असण्णव [असंज्ञ] अचेतन । | for a [ असंज्ञिन् ] संज्ञि-भिन्न, मनोज्ञान से रहित (जीव ) । सम्यग्दृष्टि भिन्न, जैनेतर । सुयन [° श्रुत] जैनेतर शास्त्र । असत्य वि [अस्वस्थ ] अतंदुरुस्त, बीमार | असत्थ न [ अशस्त्र] शस्त्र भिन्न । संयम, निर्दोष अनुष्ठान । असद्द पुं [अशब्द ] अपयश | वि. शब्दरहित । असबल वि. [ अशबल ] अमिश्रित । निर्दोष, पवित्र । असब्भाव पुं [असद्भाव ] यथार्थता का अभाव, झूठ | वि. असत्य । असब्भूय वि [असद्भूत ] असत्य । असम वि. असमान, असाधारण । एक, तीन, पाँच आदि इकाई संख्या वाला, विषम । 'सरपुं [र] कामदेव | असमवाइन [ असमवायिन् ] नैयायिक और वैशेषिक मत प्रसिद्ध कारण-विशेष | असमंजस वि [असमञ्जस ] अव्यवस्थित, गैरव्याजबी । असमिक्खिय वि [असमीक्षित] अनालोचित, अविचारित । कारि वि [कारिन्] साहfar | कारिया स्त्री [कारिता ] साहस कर्म | असरासय वि [दे] निर्दय । असलील वि [अश्लील ] असभ्य भाषा । असव पुं [अ] प्राण । असवण्ण वि [असवर्ण] असमान, असाधारण । असवार पुं [अश्ववार ] घुड़सवार । असह वि. असहिष्णु । असमर्थ । खेद करने वाला । Jain Education International अहणवि [अस] असहिष्णु, क्रोधी । असहाय वि. सहाय रहित । एकाकी । असहिज्ज वि [असाहाय्य ] सहायतारहित । सहायता का अनिच्छुक | असहुवि [ असह । असहिष्णु । असमर्थ, अशक्त | बीमार । सुकुमार । असहेज्ज देखो असहिज्ज । असागारयवि [असागारिक] गृहस्थों के आवागमन से रहित स्थान । असाढभूइ पुं [अषाढभूति] एक जैन मुनि । असाढ न [असाढक ] तृण - विशेष | असाय न [ असात | दुःख । वेयणिज्ज न 1 [वेदनीय] दुःख का कारण-भूत कर्म । असारा स्त्री [दे] कदली वृक्ष । असालिय पुंस्त्री [दे] सर्प की एक जाति । असाण न [असाधन] असिद्धि | असाहारण वि [ असाधारण ] अतुल्य, अनुपम । असि पुं. तलवार । इस नाम की नरकपाल देवों की एक जाति । स्त्री. बनारस की एक नदी का नाम 1 'कुण्ड न [° कुण्ड] मथुरा का एक तीर्थ स्थान | घाय पुं ['घात] तलवार का धाव | 'चम्मपाय न ['चर्मपात्र ] तलवार की म्यान, कोश | 'धारा स्त्री धेणु, आस्त्री [, 'धेनुका] छुरी | 'पत्त न [ पत्र] तलवार | तलवार के जैसा तीक्ष्ण पत्र । तलवार की पतरी । पुं. नरकपाल देवों की एक जाति । पुत्तगा स्त्री [ पुत्रिका ] छुरी । मुट्ठि स्त्री [ मुष्टि ] तलवार की मूठ । रयण न ['रत्न] चक्रवर्ती राजा की एक उत्तम तलवार । लट्ठि स्त्री [°यष्टि ] खड्गलता, तलवार | 'वण न ['वन] खड्गाकार पत्ते वाले वृक्षों का जंगल । 'वत्त देखो [A] | हर [°धर] तलवार-धारक, ar | 'हरा देखो 'धारा । असिइ (अप) देखो असीइ । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.016020
Book TitlePrakrit Hindi kosha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorK R Chandra
PublisherPrakrit Jain Vidya Vikas Fund Ahmedabad
Publication Year1987
Total Pages910
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationDictionary & Dictionary
File Size19 MB
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