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________________ राजस्थान जैन सभा, जयपुर एक संक्षिप्त परिचय समाज को कुरीतियों व कुरूढियों से मुक्त कराने, समाज को एक सूत्र में बांधने, समाज की साहित्यिक, सांस्कृतिक व आर्थिक उन्नति करने एवं स्वस्थ धार्मिक वातावरण बनाने के लक्ष्य से 25 वर्ष पूर्व विभिन्न संस्थाओं के एकीकरण द्वारा राजस्थान जैन सभा की स्थापना की गई। सभा का स्वयं का एक संविधान है एवं यह "राजस्थान सोसायटीज एक्ट" के अन्तर्गत पंजीकृत है। विशुद्ध धार्मिक एवं सैद्धान्तिक मान्यताओं को प्रधानता देकर वास्तविक धर्म का मर्म समझाते हुए जैन समाज की साहित्यिक, सांस्कृतिक, चारित्रिक, सामाजिक एवं आर्थिक उन्नति हेतु मावश्यक कार्य करना ही सभा का एक मात्र लक्ष्य है । जनमानस को धर्म एवं कर्तव्य की ओर आकृष्ट करने की दृष्टि से दशलक्षण पर्व, क्षमापनसमारोह, महावीर जयन्ती समारोह तथा निर्वाणोत्सव पर विशेष समारोह एवं समय-समय पर व्याख्यानों-प्रवचनों के प्रायोजन एवं साहित्य प्रकाशन सभा की मुख्य गतिविधियां रही हैं । स्मारिका का नियमित प्रकाशन- साहित्य प्रकाशन का एक मुख्य अंग रहा है । गत वर्ष में किये गये कार्यों का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है। महावीर जयन्ती समारोह : समस्त जैन समाज के सहयोग से यह समारोह 9 अप्रैल 1976 से 12 अप्रैल 1976 तक चतुर्दिवसीय कार्यक्रम के रूप में मनाया गया। 9 अप्रेल 76 को प्रात: महावीर स्कूल के प्रांगण में एक निबन्ध प्रतियोगिता "जनहित में भगवान् महावीर" विषय पर आयोजित की गई। रात्रि के 730 बजे श्री दिगम्बर जैन मन्दिर बडा दीवान जी में जैन दर्शन का कर्मसिद्धान्त मनुष्य को पुरुषार्थी बनाता है" विषय पर वादविवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता श्री श्रीरामजी गोटेवाला, सदस्य राजस्थान विधान सभा ने की। 10 अप्रेल 76 को प्रात्मानन्द सभा भवन में प्रो० प्रवीणचन्दजी जैन की अध्यक्षता में एक विचारगोष्ठी "प्रादर्श समाज रचना में जैन (xvi ) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.014023
Book TitleMahavira Jayanti Smarika 1977
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal Polyaka
PublisherRajasthan Jain Sabha Jaipur
Publication Year1977
Total Pages326
LanguageHindi, English
ClassificationSeminar & Articles
File Size25 MB
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