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________________ सिद्धान्त की उपयुक्तता" विषय पर मायोजित की गई जिसमें सर्वश्री नवीनकुमारजी बज, पं० मिलाप चन्दजी शास्त्री, पं० भंवरलालजी न्यायतीर्थ, श्रीमती स्नेहलता बज, पं० भंवरलालजी पोल्याका जैनदर्शनाचार्य, श्री अनूपचन्दजी म्यायतीर्थ, पं० बंशीधरजी शास्त्री ने अपने-अपने सारगर्मित विचार प्रकट किये।।1 अप्रेल 1976 को प्रातः प्रभात फेरी निकाली गई जिसमें विभिन्न भजन मंडलिगों ने पूर्ण सहयोग दिया। रात्रि के 8 बजे लाल भवन में रानी लक्ष्मीकुमारी चूडावत सांसदा की अध्यक्षता में एक महिला सम्मेलन का प्रायोजन किया जिसमें साध्वीश्री सिरहकुंवरजी व साध्वीश्री कानकंवरजी का भी सान्निध्य प्राप्त हना । श्रीमती कमला बेनीवाल जनसम्पर्क मन्त्री ने विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मेलन को सम्बोधित किया। दिनांक 12 अप्रेल 1976 को प्रातः 6.30 बजे महावीर पार्क से एक विशाल जुलूस प्रारम्भ होकर नगर के प्रमुख बाजारों में होता हुआ रामलीला मैदान में पहुंच कर एक सार्वजनिक सभा में परिवर्तित हो गया। महावीर स्कूल द्वारा प्रस्तुत “सोलह स्वप्नों की झांकी" एवं प्रादर्श जैन मिशन द्वारा प्रस्तुत "जन्म कल्याण-महोत्सव की झांकी' जुलूस के विशेष प्राकर्षण रहे । एक ही पोशाक में महिलामों के मण्डल भी विशेष प्राकर्षक थे। जुलूस में लगभग पच्चीस हजार से अधिक नर-नारियों ने भाग लिया। जौहरी बाजार में श्री बुद्धिप्रकाशजी भास्कर ने बड़े रोचक ढंग से जलूस के दृश्य का प्रांखों देखा हाल प्रसारित किया। राजस्थान के वित्तमन्त्री श्री जी वैद ने समस्त जैन समाज द्वारा मान्य पचरंगा झण्डा फहरा कर झण्डारोहण किया। विशाल जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुये श्री वैद ने कहा कि निर्वाण वर्ष एवं जयन्ती के अवसर पर किये गये कार्यों का सिंहावलोकन किया जाना चाहिये। श्री भंवरलालजी पोल्याका ने सभी अतिथियों को स्मारिका की प्रति भेंट की। इसी अवसर पर भारत जैन महामण्डल एवं वीर निर्वाण भारती द्वारा सम्मानित महानुभावों का भी अभिनन्दन किया गया। सर्वश्री मुनि जयानन्दजी व सोहनलालजी के प्रवचन हुए । मुनिश्री अजीतसागरजी ने अपने प्रवचन में कहा कि रागद्वेष को त्याग कर वीतरागता की ओर अग्रसर होवे यही भगवान् महावीर का प्रमुख उपदेश है और तभी हमारा जयन्ती मनाना सार्थक होगा । सांसद श्री नवलकिशोर शर्मा, प्रसिद्ध सर्वोदयी साहित्यकार श्री यशपाल जैन एव समारोह के अध्यक्ष श्री गुलाबचन्दजी कासलीवाल ने भगवान् महावीर के सिद्धान्तों पर प्रकाश डाला। रात्रि के 8 बजे श्री निहालचन्दजी जैन प्रशासक, नगर परिषद की अध्यक्षता में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम रामलीला मैदान में प्रायोजित किया गया जिसमें विभिन्न शिक्षण संस्थान व भजन मण्डलियों ने बड़े आकर्षक कार्यक्रम प्रस्तुत किये । श्री हीराभाई एम० चौधरी, मुख्य अतिथि ने इस अवसर पर विजेताओं को पुरस्कार वितरित किये । दश लक्षण पर्व समारोह : भौतिकता में लिप्त मानत्र को प्राध्यात्मिकता का रसास्वादन कराने हेतु इस वर्ष भी 29 अगस्त 76 से 7 सितम्बर 76 तक दशलक्षण पर्व समारोह श्री दिगम्बर जैन मन्दिर बडा दीवानजी में मनाया गया जिसमें पं० जवाहरलालजी जैन विदिशा का दशधर्मों पर मार्मिक प्रवचन तथा सर्वश्री पं० राजकिशोरजी जैन, चिरंजीलालजी जैन, डा० कस्तूरचन्दजी कासलीवाल, जसवन्त सिंहजी सांघी, डा० एन० के० सिंधी तेजकरणजी डंडिया, प्रवीणचन्दजी छाबडा, निहालचन्दजी जैन, ताराचन्दजी साह, कपूर चन्द जी पाटनी, रामचन्द्र जी कासलीवाल, श्रीमती चन्द्रकान्ता डंडिया तथा कुमारी प्रीति जैन ने विभिन्न विषयों पर अपने विचार प्रकट किये। जैन दर्शन विद्यालय, महिला ( xvii ) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.014023
Book TitleMahavira Jayanti Smarika 1977
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal Polyaka
PublisherRajasthan Jain Sabha Jaipur
Publication Year1977
Total Pages326
LanguageHindi, English
ClassificationSeminar & Articles
File Size25 MB
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