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________________ HOOT भारत भर में जैन मूर्तियों के संग्रह की दृष्टि से मथुरा के पश्चात् लखनऊ संग्रहालय की गणना की जा सकती है। हमारे विद्वान् लेखक श्री रस्तोगी, जो कि वहां ही के एक अधिकारी हैं, प्रतिवर्ष स्मारिका के पाठकों को वहां की महत्वपूर्ण कलाकृतियों से परिचित कराते रहते हैं और वह परिचय भी सचित्र । इस वर्ष मो वे एक 11वी शताब्दी की महत्वपूर्ण मनोज्ञ मूति का सचित्र परिचय अपनी इन पंक्तियों में प्रस्तुत कर रहे हैं । मूर्ति के पाद लेख में वुस्तावट नामक स्थान का उल्लेख है जो प्रायः अज्ञात है। इससे प्राग्वाट (परवार अथवा पोरपाव) जाति का अस्तित्व 11वीं शताब्दी में सिद्ध है। -प्र. सम्पादक एक विचित्र जिन-विम्ब * श्री शैलेन्द्र कुमार रस्तौगी, लखनऊ जिस प्रकार रत्नाकर के अन्तराल में अगणित (1) ॐ संवत् 1063 माघसुदि 13 वुस्तावट रत्न छिपे रहते हैं। उसी प्रकार से भारत के वास्तव्य प्राग्वाट वणिक रिसिय [T] हृदय उत्तरप्रदेश की राजधानी लक्ष्मणपुरी या लखनऊ स्थित राज्य संग्रहालय के संग्रह सागर में (2) ककुणल्य: सुतेन वीवक नाम्ना श्रावकेन भी असंख्य सुविख्यात एवं अज्ञात कलारत्नछिपे कारितेयं श्री मुनिसुव्र (3) तस्य प्रतिमा । अधुना ऐसी हो दुर्लभ एक मनोज्ञ जैनकला. रत्नस्वरूपा प्रतिमा (जे-776) का परिचय अर्थात सवत् 1063 की माघसुदि की त्रयोदशी प्राप्त करें । पालोच्य निदर्शन (3'-3}"x2'x को वुस्तावट (?) वासी प्राग्वाट वणिक रिसिय 1-1") प्राकार का काले प्रस्तर पर तराशा गया ककुणल्य पुत्र वीवाक या वीचक नामक श्रावक ने है । इसे प्रदेश के प्रागरा जनपद स्थित मुस्लिम इस मुनिसुव्रत की प्रतिमा को बनवाया। किले के समीप जमुना पुलिन से यहां लाया गया था। सौभाग्य से कुछ अंश को छोड़कर सम्पूर्ण इह संदर्भित "वुस्तावट'' कहाँ है मुझे ज्ञात प्रतिमा पूर्ण सुरक्षित है। प्रतिमा की चरण चौकी नहीं यदि विज्ञ इतिहासकारों को इसका परिचायक के नीचे देवनागरी लिपि एवं संस्कृत भाषा में ज्ञात हो तो अनुरोध है कि इसकी भौगोलिक निबद्ध अधोलिखित लेख उत्कीर्ण है : स्थिति से मुझे भी अवगत कराने की कृपा करें। महावीर जयन्ती स्मारिका 17 2-63 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.014023
Book TitleMahavira Jayanti Smarika 1977
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhanvarlal Polyaka
PublisherRajasthan Jain Sabha Jaipur
Publication Year1977
Total Pages326
LanguageHindi, English
ClassificationSeminar & Articles
File Size25 MB
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