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________________ आगम संबंधी लेख साहित्य मनीषी की कीर्ति स्मृतियाँ जब मारीच नाम के जीव ने सिंह पर्याय में स्व की भूल को दूर किया, अन्य पर्यायों में पर पदार्थों से राजपाट स्त्री आदिक सभी का त्याग किया। राग को छोड़ा, मिथ्यात्व का अभाव किया बाल ब्रह्मचारी रहकर निज आत्मा को अपना निज वैभव जाना सम्यक्दर्शन आदिक गुणों को प्रगट किया “वीतरागता" का बाना पहना, तभी उनका कल्याण हुआ। __ मारीच से महावीर बन गया । यही वीतरागता की देन है । वर्तमान में महावीर स्वामी का शासन काल चल रहा है। श्री आदि नाथ स्वामी से लेकर 23 तीर्थंकरों ने भी वीतरागता प्रगट करके ही मोक्ष प्राप्त किया । इससे वीतरागता से मुक्ति की सिद्धि होती है। मनुष्य भव में संयम का महत्व पं. शीतलचंद जैन शास्त्री मकरोनिया, सागर (म.प्र.) महादुर्लभ है नरभव, संयम का जीवन में बहुत अधिक महत्व है। संयम के बिना एक क्षण भी उपयुक्त नहीं है । संयम जीवन में धर्म की आधारशिला है। यह संयम है क्या इसे जानना आवश्यक है। अहिंसा, सत्य, अचौर्य, ब्रह्मचर्य (शील) अपरिग्रह इन पाँच महाव्रतों का धारण करना, ईर्या, भाषा, एषणा, आदान - निक्षेपण और उत्सर्ग इन पाँच समितियों का पालन, क्रोध, मान, माया और लोभ इन चार प्रकार की कषायों का निग्रह करना, मन वचन काय रूप दण्ड का त्याग, तथा पाँचों इन्द्रियाँ पर विजय प्राप्त करना संयम हैं । इसे ही जीव काण्ड की गाथा नं. 465 में कहा गया है : वद समिदि कसायाणं, दण्डाण तहि दियाण पंचण्हं धारण - पालन णिग्गह, चागजओ संयमो मणिओ॥ संयम शब्द सम् पूर्वक यम धातु से बना है। सम का अर्थ है सम्यक् प्रकार और यम का अर्थ है पाप क्रियाओं से उपरम या विरक्त होना । इस प्रकार समस्त पाप क्रियाओं से विरक्त होना संयम है। सर्वार्थ सिद्धि में “समितिशु वर्त - मानस्य प्राणीन्द्रिय परिहार: संयमः।" समितियों में प्रवृत्ति करने वाले मुनि के लिए जो प्राणियों का और इन्द्रिय विषयों का परिहार होता है वह संयम है। नाणेण य ज्ञाणेण य, तवोबलेण य बल विरूमणि। -632 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012072
Book TitleDayachandji Sahityacharya Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGanesh Digambar Jain Sanskrit Mahavidyalaya Sagar
PublisherGanesh Digambar Jain Sanskrit Mahavidyalaya Sagar
Publication Year2008
Total Pages772
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth
File Size25 MB
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