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________________ गुरुदेव को काम्बली बहोराने के लाभार्थी परिवार का बहुमान विशेष अतिथि द्वारा सामूहिक क्षमायाचना श्री मगन लाल जी कोचर ने अपने विचार व्यक्त किए तथा पूज्य गरुदेव से जनवरी मास की संक्रान्ति एवम् अगला चातुर्मास बीकानेर में करने की विनती बीकानेर संघ के साथ (जो कि 6 बसों के साथ अम्बाला आया हुआ था) खड़े होकर की। पण्डाल गुरु वल्लभ के जय-जयकार के नारों से गूंज उठा। आचार्य श्री जी ने कहा मैं जब भी पंजाब से गुजरात की तरफ जाऊंगा तो बीकानेर होते हुए जाऊंगा। आप आश्वस्त रहें। बीकानेर के गुरुभक्तों के मधुर भजन : “चिट्ठी आई है गुरु की चिट्ठी आई है, रत्नाकर सूरि के नाम विजय वल्लभ का पैगाम चिट्ठी आई है" के शब्दों से सारा पण्डाल तालियों की आवाज से गूंज उठा। अगला चौमासा बीकानेर में, के नारों से तथा विजय वल्लभ की जय जयकारों से एवं विजय वल्लभ अमर रहे के नारों से सारा पण्डाल गूंज उठा। उन्होंने गुरुदेव से चातुर्मास से पहले संक्रान्ति का मौका देने का आग्रह किया और वल्लभ जी के द्वारा बीकानेर में किए गए कार्यों का वर्णन किया। बीकानेर के लोगों ने पूज्य गुरुदेव से अपने क्षेत्र में परीक्षा लेने के लिए कहा परन्तु गुरुजी ने कहा कि हम परीक्षा लेने नहीं, परीक्षा देने आएंगे जिस क्षेत्र में गुरु वल्लभ ने कार्य किए हैं, वहां अवश्य पधारेंगे। श्री सुरेश जैन पाटनी के द्वारा प्रसिद्ध संगीतकार श्री रविन्द्र जैन की रचना प्रस्तुत की गई। "जय वल्लभ गुरु जय दुःखहरण, हम आएं हैं गुरु तेरी शरण...." संघ-विश्वशान्ति के हेतु , गुरु करें तेरा आवाहून। महासमिति के प्रधान एवम् कार्यकारिणी सदस्यों और श्री संघ अम्बाला की प्रबन्धक समिति के सदस्यों ने तिलक, हार, नारियल, शाल एवम् स्मृति चिन्ह भेंट कर मुख्य अतिथि श्री वी.सी. जैन भाभ को सम्मानित किया। मुख्य अतिथि श्री वी.सी. जैन भाभू ने पांच लाख रुपये गुरु चरणों में उनकी भावना अनुसार जिस कार्य के लिए कहेंगे वहां पर दिए जाएंगे। श्री वी.सी. जैन भाभू के नेतृत्व में बाहर से आए हुए गणमान्य व्यक्तियों ने सामूहिक क्षमा याचना उत्तर भारत के सभी श्री संघों की ओर से गुरु चरणों में की, अपने संदेश में श्री वी.सी. जैन भाभू ने विभिन्न शहरों से आए हुए लोगों को क्षमायाचना का महत्व बताया। भोजन कमेटी के कन्वीनर श्री सुभाष कुमार जैन नारोवाल श्री सुनील कुमार जैन, श्री सुदेश कुमार जैन एवम् श्री संघ के उप-प्रधान श्री महिन्द्र पाल जैन को महोत्सव महासमिति की ओर से तिलक, हार, नारियल एवम् शाल के साथ सम्मानित किया गया। श्री सरदारी लाल शिखर चंद जैन जी मुरादाबाद वालों ने 3 लाख 51 हजार रुपये की बोली देकर गच्छाधिपति विजय रत्नाकर सूरीश्वर जी म.सा. को काम्बली बहोराने का लाभ प्राप्त किया। यह काम्बली कार्तिक पूनम वाले दिन समस्त जैन समाज की ओर से बहोराई जायेगी। प.पू. गच्छाधिपति जी ने जानकारी देते हुए फरमाया कि मेरी भावना को स्वीकार कर पूर्ण करते हुए उत्तरी भारत के जैन समाज की तरफ से गुरुवर विजय वल्लभ स्वर्गारोहण अर्द्धशताब्दी वर्ष के समापन पर तपागच्छ के सभी गच्छाधिपति, आचार्य भगवन् एवं श्री मदन लाल जी 'मुरादाबाद वाले' द्वारा स्मारिका विमोचन गुरुदेव को स्मारिका भेंट करते लाभार्थी परिवार [248 विजय वल्लभ संस्मरण-संकलन स्मारिका 1507 Jan Education Intematonal For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012061
Book TitleVijay Vallabh Sansmaran Sankalan Smarika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPushpadanta Jain, Others
PublisherAkhil Bharatiya Vijay Vallabh Swargarohan Arddhashatabdi Mahotsava Samiti
Publication Year2004
Total Pages268
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size51 MB
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