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________________ अभीप्सा युवाचार्य महाप्रज्ञ मुनि श्री नथमलजी पण्डित कैलाशचन्द्रजी शास्त्री एक व्यक्ति भी हैं और एक महाग्रन्थ भी हैं । उनके व्यक्तित्वस अनेक व्यक्तित्व निर्मित हुए हैं । उस महाग्रन्थसे अनेक लोगोंने तत्त्वबोध उपलब्ध किया है । ऐसे व्यक्तित्व का अभिनन्दन तत्त्वविद्याका अभिनन्दन है । इस प्रयत्नमें अभिनन्दन करनेवाले ही धन्यताका अनुभव करेंगे । यही सार्थकता है तत्त्वविद्याके अभिनन्दन की । पण्डितजीको मैंने प्रत्यक्षतः कई बार देखा है । किन्तु परोक्षत: बहुत बार देखा है । उनकी गुण ग्राहकता और समीक्षा शैली द्वारा मेरा ध्यान उनकी ओर आकर्षित हुआ था । आज भी उनके प्रति वह आकर्षण बना हुआ है । पण्डितजीने जैन शासनकी महत्त्वपूर्ण सेवाएं की हैं। भविष्य भी उनकी सेवाओंके प्रति अभीप्सावान् रहेगा । मार्गदर्शन So श्री कृष्णराज भंडारी, कुलपति, अ०प्र० सिं० विश्ववि०, रीवा मुझे बड़ी प्रसन्नता है कि सिद्धान्ताचार्य पंडित कैलाशचन्द्रजी शास्त्री अभिनन्दन समिति शास्त्रीजी के अभिनन्दन हेतु एक विशेष ग्रंथ प्रकाशित कर रही है । इस प्रयासके लिए मैं सभी संयोजकोंको बधाई देता हूँ और मेरी शुभकामना है कि यह प्रयास सफल हो । इस ग्रंथमें उनके व्यक्तित्व व कृतित्वपर तो लेख लिखे ही जा रहे हैं और उनके प्रिय विषयों, 'धर्म और दर्शन, इतिहास, संस्कृति और साहित्य, पुरातत्त्वके अतिरिक्त विज्ञानपर भी विशिष्ट सामग्री प्रकाशित की जा रही है । इसमें देश विदेश के विद्वानों व मनीषियोंके जो लेख सम्मिलित किए जा रहे हैं, वे निस्सन्देह उपयोगी हैं। मैं आशा करता हूँ कि यह ग्रन्थ न केवल विद्वत् समाज के लिए वरन् जन-साधारणके लिए भी उपयोगी सिद्ध होगा तथा शास्त्रीजी समाजको मार्गदर्शन करते रहेंगे । Jain Education International जिनके कण्ठ वसी जिनवाणी, आगम का है ज्ञान भरा । अमृत-सी प्रियध्वनि बिखेरते, शास्त्रों का है सार भरा ॥ :: :: अभिनन्दन है पूज्य आपका कोटि नमन स्वीकार करें । महावीर पंथ के अनुयायी बन, हम पापों का क्षार करें । निर्मल आज़ाद, जबलपुर - २ - For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012048
Book TitleKailashchandra Shastri Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBabulal Jain
PublisherKailashchandra Shastri Abhinandan Granth Prakashan Samiti Rewa MP
Publication Year1980
Total Pages630
LanguageHindi, English, Sanskrit
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size17 MB
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