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________________ जहांगीर नो विधर्मी पवित्र पुरुषो प्रत्येनो आदर २६ ने मल्या. जहांगीर तेमनी विद्वत्ता, तेजस्विता अने क्रिया-निष्ठा जोई खुश थयो. अने तेश्रो हीरविजय सूरिना साचा उत्तराधिकारी होबानी खातरी थतां तेणे तेमने 'जहांगीरी महातपा' नी पदवी अर्पण करी अने गच्छना साचा अधिनायक तरीके तेने जाहेर कर्या. सिद्धिचंद्र जहांगीर ना समय मां एक विद्वान जैन साधु हता. जहांगीर ना दरवार मां सिद्धिचंद्र नी हाजर जवाबी खोली नीकली हती. ते थी एक बार तेणे तेने साधु जीबन नो त्याग करीने पोताना दरबार माँ सारो दरज्जो स्वीकारबा दबाण कयु. अने नूरजहां ने पण तेना तरफ थी तेने भलामण करी. सिद्धिचंद्र ए प्रलोभन नी दरखास्त पूर्वक टाली. अने तो पोतानां साधु जीवन ने दृढ़ता पूर्वक वलगी रह्या. सिद्धिचंद्र नु आ वलण जहांगीर ने पसंद पड्यु नहि. अने तेणे अने पोतानी इच्छा नो अनादर कर्यो ते थी रोषे भराईने तेने जंगल मा चाल्या जवानो तेणे हक्म कॉ. सिद्धिचंद्र सहर्ष ते प्रमाणे कंयु. परंतु सिद्धिचंद्र ना गुरु भानुचन्द्र १ दरबार मां जबानु चालुज राख्यु, जहांगीरे पण तेना प्रत्येना आदर मां कई कमी करी नहि. परंतु तेमना शिष्य ने थयेला गेर-इन्साफ ने लई ने तेमनो चहेरो उदास रहेतो हतो. तेनुसाचु कारण जहांगीर ने समजमां आवतां तेने धणो पस्तावो थयो. अने ते विद्वान जैन साधु ने फरीथी दरबार मां पधारवा तेणे आमंत्रण मोकल्युते पछीते 'जहांगीर-पसंद' कहवाया. शीख गुरु अर्जुन एक पवित्र पुरुष हतो. अने जहांगीर तरफ थी तेने हेरानगति थई हती ए बनाव तेना चारित्र्य ना प्रस्तुत पासा उपर डाध तरीके गणवो न गणवो ए एक चर्चास्पद विषय छे. परंतु ए तो निर्विवाद छे के मुसलममान फकीरो अने दरवेशों अने हिंदु सन्यासीनो अने योगीयो ने मलवानी तेनी धुन हती, एवी व्यक्ति कोई ठेकाणो रहेती होवानी खबर पडतां ते तेने मलवा बेकरार थतो अने त्यां दोडी पहोंची तेने मलीने जंपतो. पवित्र पुरुषोनां निर्मल अने तेजस्वी व्यक्तित्व अने विद्वत्ता मां ते रहे तो अने तेमनो पूरो आदर करतो. १. एमनी प्रतिमाना अद्भुत प्रयोग जोईने बादशाहे एमने 'खुश-फेहम' नो खिताब प्राप्यो हतो (आईने अकबरी) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012033
Book TitleJinvijay Muni Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDalsukh Malvania
PublisherJinvijayji Samman Samiti Jaipur
Publication Year1971
Total Pages462
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size13 MB
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