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________________ श्रीमती धर्मानुरागिनी सौ० चन्द्रकला देवी चाँदमलजी मेहता (मदनगंज ) श्रीमान् चाँदमलजी मेहता एक ओजस्वी तेजस्वी और वर्चस्वी कर्मठ कार्यकर्त्ता हैं । आपका जन्म किशनगढ़ के सन्निकट पिगलोद में हुआ और बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में आपने अध्ययन किया । सन् १९४१ में जनगणना का प्रशंसनीय कार्य करने के कारण किशनगढ़ नरेश ने स्वर्णाभूषण से आपको समलंकृत किया। गांधी की आंधी ने आपको स्वतन्त्रता संग्राम में जूझने की प्रबल प्रेरणा प्रदान की और आप राजनीति में कूद पड़े । पहले किशनगढ़ राज्य प्रजा मण्डल के अध्यक्ष बने, फिर जयपुर जिला कांग्रेस के उपाध्यक्ष बने । सन् १९५२-५४ में विधान सभा के सदस्य भी बने और उस समय निष्ठा के साथ आपने जो कार्य किया वह किसी से छिपा हुआ नहीं है । श्रीमान् धर्मप्रेमी परम गुरुभक्त चांदमलजी सा० मेहता ( मदनगंज ) व्यापारिक संस्थाओं के भी आप सम्माननीय अध्यक्ष हैं । चेम्बर आफ कामर्स मदनगंज व्यापार मंडल, अजमेर जिला व्यापार संघ के आप महामन्त्री रहे हैं, संस्थापक भी रहे हैं । इसी तरह राजस्थान खाद्य व्यापार संघ, अनाज व्यापारी संघ आदि अनेक व्यापारी संस्थाओं के आप सदस्य आदि रहे हैं इसके साथ ही श्री व० स्था० जैन श्रावक संघ किशनगढ़ के वर्षों तक अध्यक्ष रहे । राजनीति, व्यापार नीति और धर्म-नीति के आप अगुआ हैं । आपके जीवन में पूर्ण नैतिकता और प्रामाणिकता है । आपश्री के वीरेन्द्रकुमारजी, सुरेन्द्रकुमारजी, नरेन्द्र कुमारजी, जितेन्द्रकुमारजी, सतेन्द्रकुमारजी आदि पुत्र हैं और प्रेमजी, विजेशजी, महेन्द्रजी, दिनेशजी, नरेशजी, राकेशजी, सुनीलजी, विनयजी, प्रसन्नजी, मुकेशजी, नीरजजी आदि पौत्र-प्रपौत्र हैं । आपका पूरा परिवार श्रद्धेय उपाध्याय श्री जी, उपाचार्य श्री जी व महासती पुष्पवतीजी के प्रति पूर्ण समर्पित है । प्रस्तुत ग्रन्थ के प्रकाशन में भी आपका हार्दिक अनुदान प्राप्त हुआ है । ( ३ ) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012024
Book TitleSadhviratna Pushpvati Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDineshmuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1997
Total Pages716
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size25 MB
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