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________________ श्रीमान् धर्मप्रेमी गुरुभक्त रतनलालजी सा० मारू; मदनगंज धर्मशीला सुश्राविका सौ० सोनी देवी रतनलालजी मारू श्रीमान् रतनलालजी सा० मारू अत्यन्त उदारमना धर्मनिष्ठ और परम गुरुभक्त सुश्रावक हैं। वि० सं० १९८० मृगसिर वदी १३ को नरवर ग्राम में आपका जन्म हुआ। आपके पूज्य पिताश्री का नाम भंवरलालजी मारू और मातेश्वरी का नाम श्रीमती गोपीदेवी और आपकी धर्मपत्नी का नाम सौ० सोनी देवी है। आप मदनगंज श्रावक संघ के अध्यक्ष हैं, सेवा, शिक्षा, चिकित्सा आदि परोपकारी प्रवृत्तियाँ आपको विशेष प्रिय रही हैं और समय-समय पर अपने धन का सदुपयोग इन कार्यों में करते रहते हैं। आपका बीड़ी का व्यवसाय है । आपके तीन भाई और तीन बहिनें हैं। परम श्रद्धेय उपाध्याय श्री जी, उपाचार्य श्री जी और साध्वी रत्न पुष्पवती जी म० के प्रति आपकी व परिवार की अपार निष्ठा है। उपाध्याय श्री जी के तथा महासती जी के मदनगंज-किशनगढ़ वर्षावास में आपने जो सेवा भक्ति का आदर्श उपस्थित किया, वह सभी के लिए अनुकरणीय है। श्री वर्धमान जैन पुष्कर सेवा समिति मदनगंज के भी आप अध्यक्ष हैं। प्रस्तुत ग्रन्थ के प्रकाशन में आपका हार्दिक सहयोग प्राप्त हुआ है । एतदर्थ हार्दिक साधुवाद ! आपके फर्म का नाम हैमारू ब्रादर्स, डागा गली, मदनगंज, (राजस्थान) ( २ ) Jain Education International For Private & Personal Use Only: www.jainelibrary.org
SR No.012024
Book TitleSadhviratna Pushpvati Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDineshmuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1997
Total Pages716
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size25 MB
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