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________________ ४८० ११. भगवद्गीता गीता प्रेस, गोरखपुर, ६ / ३४ १२. तत्त्वार्थसूत्र विवे० पं० सुखलाल संघवी, प्रका० पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, वाराणसी, १९७६ ९/२७ १३. गीता, गीता प्रेस, गोरखपुर ६ / ३४ १४. उत्तराध्ययनसूत्र संपा० साध्वी चन्दना, प्रका० वीरायतन प्रकाशन, आगरा, १९७२; २३ / ५६ १५. पुढो छंदा इह माणवा, पुढो दुक्खं पवेदितं। आचारांग १/५/२/ १५२ अणेगचित्ते खलु अयं पुरिसे, से केयणं अरिहए पूरहत्तए - आचारांग सूत्र, संपा०- मधुकर मुनि प्रका०- श्री आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर १९८० /३/२/११८ १६. ध्यानशतक (झाणाज्झयण) जिनभद्र क्ष्माश्रमण, विनयसुन्दर ग्रन्थमाला, जामनगर, वि०सं० १९९७९३-९६ - जैन विद्या के आयाम खण्ड ६ १७. वही, ९७-१०० १८. वही, १०१ १९. वही, १०२ २०. वही, १०३ २१. वही, १०४ २२. आवश्यकनियुक्ति प्रका० सन्मति ज्ञानपीठ, आगरा, गा० १४६२ २३. आवश्यक सूत्र- आगारसूत्र (श्रमणसूत्र - अमरमुनि) प्र०सं० पृ० ३७६. २४. उत्तराध्ययनसूत्र संपा० साध्वी चन्दना, प्रका०- वीरायतन प्रकाशन, आगरा, १९७२ २८/३५ २७. योग: समाधि' ध्यानमित्यनर्थान्तरम् तत्त्वार्थन्तरम्। तत्त्वार्थराजवार्तिक संपा० महेन्द्र कुमार जैन, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, १९५७; ६/१/१२ २८. कायावाङ्मनः कर्म योगः तत्त्वार्थसूत्र विवे० पं० सुखलाल संघवी प्रका०- पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, १९७६; ६ / १ २९. योगश्चित्तवृत्ति निरोधः योगसूत्रम् संपा० पं० धुन्धीराज शास्त्री, प्रका० चौखम्बा संस्कृत सीरीज, बनारस, १९३०१ / २ (पतंजलि ) ३०. 'युजेपी योगे' हेमचन्द्र धातुमाला, गण प्रका० जैनग्रन्य प्रकाशिक समा, अहमदाबाद, १९३०७ ३१. उत्तराध्ययनसूत्र संपा० साध्वी चन्दना, प्रका० वीरायतन प्रकाशन, आगरा १९७२३०/३० - Jain Education International ३२. आवश्यक सूत्र- आगारसूत्र ३३. योगशास्त्र संपा०- मुनि समदर्शी, प्रका० सन्मति ज्ञानपीठ, आगरा, १९६३ १२/२ ३४. अभिधम्मत्वसंगहो, संपा० भदन्त रेवतधम्म प्रका० संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी, बुद्धाब्द- २५१०, ५/१ ३५. भारतीय दर्शन (दत्ता) पृ० १९० ३६. योगशास्त्र, संपा०- मुनिसमदर्शी, प्रका० सन्मति ज्ञानपीठ, आगरा, १९६३ १२/५-६ ३७. तत्त्वार्यसूत्र विवे० पं० सुखलाल संघवी, प्रका० पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान वाराणसी १९७६ ९ / २७ ३८. वहीं ९ / ३१ ३९. वहीं ९ / ३६ २५. तत्त्वार्थवार्तिक संपा०- महेन्द्र कुमार जैन, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, १९५७६/२४/८ २६. धवला, पुस्तक ८, पृ० ८८ (दंसण-णण चरित्तेसु सम्ममवट्ठाणं ५२. तत्त्वार्थ स्वोपज्ञ भाष्य, उमास्वाति ९/ २६ समाही) ४०. ४१. ४२. ध्यानस्तव (जिनभद्र, प्र० वीर सेवा मंदिर ) २ तत्त्वार्थसूत्र विवे० पं० सुखलाल संधवी, पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, वाराणसी, १९७६ ९ / २७ भगवती आराधना, विजयोदया टीका- देखें ध्यानशतक प्रस्तावना पृ० २६. ४३. पंचास्तिकाय कुन्दकुन्द, प्रका०- परमश्रुत प्रभावक मंडल, श्रीमत राजचन्द्र आश्रम, अगास, वी०सं० २४९५ १५२ ४४. गाणेण झाणसिद्धि ४५. ज्ञानार्णव संपा०- पं० बालचन्द्र शास्त्री, जैन संस्कृति संघ, सोलापुर, १९७७ २७/२३-३२ ४६. वही, २८/११ ४७. वही, २८/१० ४८. 'गोदोहियाए उक्कुडयनिलिज्जाए' कल्पसूत्र १२० ४९. उत्तराध्यनसूत्र संपा० साध्वी चन्दना, प्रका०- वीरायतन प्रकाशन, आगरा, १९९२ २६/१२ ५०. उपासकदशांग ८ / १८२ ५१. उत्तमसंहननस्यैकाग्रचिन्तानिरोधे ध्यानम् तत्त्वार्थसूत्र- ९/२६ ५४. ५५. ५३. ज्ञानार्णव- संपा० बालचन्द्र शास्त्री, जैन संस्कृति संघ, सोलापुर १९७७ ३२/९५, ३६/१-८, मोक्खपाहुड ७ अप्पा सो परमप्पा तत्त्वानुशासन सिद्धसेन गणि, प्रका० जीवन चंद साकर द झवेरी, सूरत, १९३०७४ ५६. मोक्खपाहुड अष्टप्राभृत, कुन्दकुन्द प्रका० परमश्रुत प्रभावक मंडल, श्रीमद् राजचन्द्र आश्रम, आगरा, १९६९५ तत्त्वार्थसूत्र विवे० पं० सुखलाल संघवी, प्रका० पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, वाराणसी १९७६ ९/३१-४१ ज्ञानार्णव संपा०- पं० बालचन्द्र शास्त्री, जैन संस्कृति संघ, सोलापुर, १९७७ ४/१०-१५ ५७. ५८. ५९. वही, ४ / १६ ६०. वही, ४/१७ ६१. ६२. - - वही, ४/१८-१९ वही, ४/३३ For Private & Personal Use Only - ६३. तत्त्वार्थसूत्र विवे० पं० सुखलाल संघवी, प्रका० पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान वाराणसी, १९७६ ; ९ / २९ ६४. वही ९ / ३०, ध्यानशतक जिनभद्र क्षमाश्रमण विनयसुन्दर चरण www.jainelibrary.org.
SR No.012014
Book TitleSagarmal Jain Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorShreeprakash Pandey
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1998
Total Pages974
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size31 MB
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