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________________ द्वितीय खण्ड : जीवनदर्शन १९१ . सिद्धराम जी तथा माता का नाम कस्तूरी देवी है। विदुषी श्री विमलवती जी के सदुपदेश से प्रभावित होकर आपने सं० २०२८ (सन् १९७१) मार्गशीर्ष शुक्ला ६ को केलवा रोड महाराष्ट्र में संयम ग्रहण किया । आप विद्याभ्यासिनी हैं। हिन्दी-संस्कृत का अध्ययन कर रही हैं। बालब्रह्मचारिणी दिव्यप्रभा जी आपका जन्म उदयपुर में सं० २०१४ (दि० ३०-११-१९५७) में हुआ। आपके पिता का नाम सेठ कन्हैयालाल जी सियाल और माता का नाम चोथीबाई है । आपका नाम स्नेहलता था। विदुषी श्री कुसुमवती जी के सदुपदेश से आपने सं० २०३० (११-१९७६) कार्तिक सुदी १३ को अजमेर में दीक्षा ग्रहण की । आपका संस्कृत, न्याय, हिन्दी, अंग्रेजी आदि का अध्ययन चल रहा है । आपने राजस्थान शिक्षा बोर्ड की उपाध्याय तथा प्रयाग की साहित्यरत्न, आदि परीक्षाएँ समुत्तीर्ण की हैं। बालब्रह्मचारिणी दर्शनप्रभाजी आपका जन्म आसोज सुदी तेरस (२३-१०-१९५५) को दिल्ली में हुआ। आपके पिता श्री का नाम रतनलाल जी लोढ़ा और माता का नाम कमला देवी है। आपका नाम सरोजकुमारी था। आपकी दीक्षा ब्यावर में वि. सं. २०३२ (२०-२-१९७६) महासती कुसुमवती जी तथा चारित्रप्रभाजी के सदुपदेश से संपन्न हुई। आप एम. ए. भूषण, प्रभाकर शास्त्री, उपाध्याय आदि परीक्षाएं समुत्तीर्ण हैं । प्रवचन करने की कला में दक्ष है। बालब्रह्मचारिणी हर्षप्रभा जी आपका जन्म वि० सं० २०१० में किसनगढ़ में हुआ। आपकी मातेश्वरी का नाम कंचन बाई और पिता का नाम पूनमचंद जी झामड हैं। महासती प्रभावतीजी के सदुपदेश से आपने वि० सं० २०३२ माघ सुदी तेरस को उदयपुर में दीक्षा ग्रहण की। संस्कृत, प्राकृत भाषाओं का सामान्य अध्ययन है। बालब्रह्मचारिणी किरण प्रभाजी आपका जन्म वि० सं० २०१५ मदनगंज (राजस्थान) में हुआ। आपकी माता का नाम सीता बाई और पिता का नाम खालीलाल जी वरडिया है । सं० २०३३ माघ सुदी तेरस को महासती पुष्पवती जी के सदुपदेश से उदयपुर में आपने दीक्षा ग्रहण की। आपको संस्कृत, प्राकृत आदि भाषाओं का सामान्य अध्ययन है । महासती दर्शनप्रभाजी (द्वितीय) आपका जन्म महाराष्ट्र में जलगाँव जिले के कासमपुरा गांव में सन् १९३० में हुआ। आपकी माता का नामतानीबाई और पिता का नाम सूपइलाल जी सुराणा था। आपका नाम चंपाबाई था। सन् १९४६ में मोतीलाल जी लोढ़ा के सुपुत्र वकील पूनमचंद जी लोढा, न्याय डोंगरी, जिला नासिक में आपका विवाह संपन्न हुआ। आपने अपने भरे-पूरे परिवार को छोड़कर अपनी पुत्री सरला कुमारी के साथ वि० सं० २०३४ दिनांक २८-४-१९७७ को विदुषी महासती कौसल्या जी के उपदेश से नन्दुरबार (खानदेश) में आहती दीक्षा ग्रहण की। और आपका नाम दर्शनप्रभा रखा गया। बालब्रह्मचारिणी सुदर्शना प्रभाजी __आपका जन्म महाराष्ट्र के धुलिया गांव में दिनांक १८-६-१९५६ को हुआ। आपकी मातेश्वरी का नाम चंपाबाई और पिता का नाम पूनमचन्द जी लोढा है। आपका जन्म नाम सरलाकुमारी था। आपने बी० कॉम० तक अध्ययन किया और २ वर्ष तक श्रमणी विद्यापीठ में रहकर धार्मिक अध्ययन भी किया। विदुषी महासती कौसल्या जी के उपदेश से २८-४-१९७७ को नन्दुरबार में अपनी माता के साथ दीक्षा ग्रहण की। आप प्रतिभासम्पन्न साध्वी हैं। आपका अध्ययन चल रहा है। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012012
Book TitlePushkarmuni Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni, A D Batra, Shreechand Surana
PublisherRajasthankesari Adhyatmayogi Upadhyay Shree Pushkar Muni Abhinandan Granth Prakashan Samiti
Publication Year1969
Total Pages1188
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size39 MB
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