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________________ १६० श्री पुष्करमुनि अभिनन्दन ग्रन्थ ++ ++ ++ ++ ++ + + + + + + + + + + ++ ++ ++ ++ ++++ ++ ++ ++ ++ + + ++ जी माण्डोत मा देहान्त हुआ। आपने ही संयम ग्रहण किया। महासती श्री विनयवती जी आपका जन्म उदयपुर राज्य के पदराड़ा ग्राम में विक्रम सम्वत् २००३ में हुआ। आपके पिताश्री का नाम खेमराज जी दौलावत और माता का नाम मोहन बाई है। सांसारिक नाम आगाम बाई था। पदराडा निवासी कुमानिंग जी माण्डोत के सुपुत्र मोतीलाल जी माण्डोत के साथ आपका पाणिग्रहण हुआ। किन्तु एक महीने के पश्चात् मोतीलाल जी का अकस्मात् देहान्त हुआ। आपने महासती श्री कौशल्या जी के उपदेश से आकर्षित होकर सं० २०१६ (सन १९५२) माघ सुदी ११ को पदराड़ा में ही संयम ग्रहण किया। पढ़ने की जिज्ञासा अच्छी है । अभ्यास चल रहा है । साथ ही सेवाभाविनी हैं। महासती चेलना जी आपका जन्म उदयपुर राज्य के सायरा ग्राम में हुआ। आपके पिता का नाम चंपालाल जी कोठारी और माता का नाम प्यारी बाई है । आपका विवाह तिरपाल निवासी बाबूलाल जी भोगर के साथ हुआ । आपने परमविदुषी महासती श्रीशील कुवर जी के उपदेश से प्रभावित होकर सं० २०२० (सन् १९६३) कार्तिक पूर्णिमा को भोपालगंज भीलवाडा (राज.) में दीक्षा ग्रहण की। आप विद्याभिलाषिणी तथा सेवाभाविनी है। आपका अध्ययन चल रहा है। महासती जी मदन कुवर जी आपका जन्म खण्डप मारवाड़ में सं० १९६२ (सन् १९३५) में हुआ । आपके पिता का नाम सेठ सिरेमल जी धोका तथा माता का नाम टीपू बाई था। आपने महासती श्री विमलवती जी के उपदेश से प्रभावित होकर सं० २०२० (सन् १९६३) वैशाख बदी दशम को अजीत (मारवाड) में दीक्षा ग्रहण की। आप अध्ययनशीला तथा सेवाभाविनी है। महासती श्री हेमवती जी आपका जन्म नान्देशमां मेवाड़ में वि० सं० १९९७ में हुआ। महासती श्री कौशल्या जी के उपदेश से आकर्षित होकर आपने सं० २०२४ (सन् १९६७) ज्येष्ठ सुदी दसम को डबोक गाँव में संयम ग्रहण किया। आप सेवाभावी और अध्ययनशीला हैं। बाल-ब्रह्मचारिणी श्री चारित्रप्रभाजी आपका जन्म बगडुन्दा (मेवाड़) ग्राम में वि० सं० २००६ (सन् १९५०) श्रावण बदी अमावस्या को हुआ। आपके पिता का नाम कन्हैयालाल जी छाजेड़ था और माता का नाम हंजाबाई था। आपका नाम हीरा कुमारी था। विदुषी महासती श्री कुसुमवती जी के उपदेश से प्रभावित होकर आपने वि० सं० २०२६ (दि० २१-२-१९६६) को नाथद्वारा में दीक्षा ग्रहण की। संस्कृत और प्राकृत भाषाओं का आपका अच्छा अभ्यास है। आप अध्ययनशीला हैं। बी० ए० साहित्यरत्न में परीक्षाए समुत्तीर्ण हैं। पाथडी बोर्ड की शास्त्री परीक्षा आपने उत्तीर्ण की है । आपका कण्ठ मधुर है तथा व्याख्यान ओजस्वी एवं चित्ताकर्षक हैं। महासती श्री सत्यप्रभा जी आपका जन्म खण्डप में संवत् २००३ (सन् १९४७) श्रावण कृष्णा द्वितीया को हुआ। आपके पिता का नाम मिश्रीमल जी सुराना और माता का नाम सोनीबाई है। आपका गृहस्थाश्रम का नाम था सुन्दर देवी । आपका विवाह वि० सं० २०१८ माघ शुक्ला पंचमी को करमावास निवासी बंसराज जी भंसाली के सुपुत्र चंपालालजी के साथ हुआ। आपने महासती श्री शकुन कुवर जी के उपदेश से सं० २०२७ (सन् १९७०) वैशाख बदी पंचमी को करमावास ग्राम में संयम ग्रहण किया। संस्कृत तथा आगम का अच्छा अभ्यास है। आप सेवाभावी हैं । महासती श्री साधना जो आपका जन्म मारवाड़ भारंडा ग्राम में वि० सं० १९८७ में हुआ। आपके पिता का नाम सरदारमलजी सालेचा और माता का नाम सकूबाई था। आपका विवाह समदडी निवासी हस्तीमल जी भंडारी के सुपुत्र जसराज जी के साथ वि० सं० २००२ में हुआ था। महासती श्री शीलकुवर जी के उपदेश से आकर्षित होकर आपने सं० २०२७ (सन् १९७०) में समदडी में दीक्षा ग्रहण कर ली। आपकी थोकडे सीखने की अच्छी रुचि है। आप सेवाभाविनी हैं। बालब्रह्मचारिणी ज्ञानप्रमा जी आपका जन्म महाराष्ट्र के बड़गाँव में सं० २०१६ (सन् १९५६) में हुआ। आपके पिता का नाम पंडित Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012012
Book TitlePushkarmuni Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni, A D Batra, Shreechand Surana
PublisherRajasthankesari Adhyatmayogi Upadhyay Shree Pushkar Muni Abhinandan Granth Prakashan Samiti
Publication Year1969
Total Pages1188
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size39 MB
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