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________________ Jain Education International वि० स० पागे सभापति महाराष्ट्र विधानपरिषद प्रिय श्री बारलिंगे जी * ( १७ ) सप्रेम वन्दे । आपका दिनांक ११ नवम्बर १९७७ का पत्र प्राप्त हुआ । धन्यवाद । राजस्थान केसरी अध्यात्मयोगी श्री पुष्कर मुनि जी की सुदीर्घ साधना के लिए उनका सार्वजनिक अभिनन्दन करने के हेतु उन्हें अभिनन्दन ग्रन्थ समर्पित करने का आयोजन किया गया है, यह जानकर बड़ी प्रसन्नता हुई । आपके उपरोक्त उपक्रम की यशस्विता के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाएँ । Professor R.C. Mehrotra D. Phi (Alld), Ph. D., D. Sc (Lond.) F.N.A.Sc., F. A. Sc, F.N.A. कुलपति मुंबई- ४०००३२ क्रमांक विष/०२/२१४/०७ दिनांक - १५-११-१९७७ भवदीय (ह०) वि० स० पागे [सं०] ११२५ / कुलपति दिल्ली- ११०००७ नवम्बर २६, १६७८ प्रिय मालवणिया जी, आपके दिनांक १५-११-१६७७ के पत्र के लिए धन्यवाद। यह बड़े ही हर्ष का विषय है कि आप लोग परम आदरणीय श्री पुष्कर मुनि जी के साधनामय जीवन के ५४ वर्ष सम्पन्न होने के पुनीत अवसर पर उनका अभिनन्दन कर रहे हैं और एक अभिनन्दन ग्रंथ समर्पित करने का निर्णय किया है। मुनि जी की बहुमुखी प्रतिभा और उनके द्वारा प्रेरित भक्ति, ज्ञान एवं कर्मयोग द्वारा देश और विदेश से देश परिचित है । आपने अपनी उच्चतम साधना एवं योग के के सहस्रों मानव प्राणियों का कल्याण किया है। मुनि जी केवल योगी ही नहीं, अपितु आप महान् साहित्यकार कवि, लेखक और भारतीय भाषाओं में पारंगत है । भारतीय साहित्य को आपकी अनूठी देन है । जैसे आप योगी और विद्वान है वैसे ही समाजसेवी भी है। अनेक शिक्षण संस्थाओं, पुस्तकालयों, गौशालाओं एवं अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं के उत्थान में आपका अनूठा योगदान है, जो आज देश की सर्वतोमुखी उन्नति में बहुत सहायक सिद्ध हो रहा है । मुनि जी के चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित करते हुए मैं उनके दीर्घजीवन की कामना करता हूँ और आशा करता हूं कि देश उनके मार्गदर्शन से उन्नति की ओर अग्रसर होता रहेगा । सादर भवदीय ( ह०) रा० च० मेहरोत्रा For Private & Personal Use Only संदेश www.jainelibrary.org
SR No.012012
Book TitlePushkarmuni Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni, A D Batra, Shreechand Surana
PublisherRajasthankesari Adhyatmayogi Upadhyay Shree Pushkar Muni Abhinandan Granth Prakashan Samiti
Publication Year1969
Total Pages1188
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size39 MB
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