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________________ पुरातन पीढ़ी के आदर्श संत मालवकेशरी सन्तरत्न श्री सौभाग्यमलजी महाराज यह जानकर अत्यन्त प्रसन्नता हुई कि मालवरत्न ज्योतिर्विद् वयोवृद्ध उपाध्याय श्री कस्तूरचन्दजी महाराज साहब की सेवा में अभिनन्दन ग्रन्थ के माध्यम से भावाञ्जलि समर्पित करने का अभिनन्दनीय आयोजन किया गया है । इस प्रसंग पर उनके प्रति श्रद्धा व्यक्त करना, मैं अपना कर्त्तव्य मानता हूँ । मालवरत्न श्री कस्तूरचन्दजी महाराज और मैं दोनों ही जीवन के आठ दशक पार कर चुके हैं। हमारा संयमी जीवन भी लगभग सातवें दशक में चल रहा है । इतनी लम्बी अवधि में हमारा सम्पर्क बहुत प्रगाढ़ और नजदीक का रहा है। आज हम जीवन की सन्ध्या में चल रहे हैं । परन्तु बाल्यकाल और युवाकाल की विविध स्मृतियाँ मेरे मस्तिष्क में उभर रही हैं। प्रेम, सौहार्द्र और वात्सल्य की मधुर स्मृतियाँ हृदय को तरंगित कर रही हैं । मालवरत्न श्री कस्तूरचन्दजी महाराज समता, सरलता व सहिष्णुता के साकार स्वरूप हैं । वे उस पुरातन पीढ़ी के सन्त हैं जिसे हम सन्त जीवन के लिए आदर्श मान सकते हैं । इस कोटि में बहुत विरले सन्त ही आते हैं । हमारा सौभाग्य है कि आज के विषम वातावरण में श्रद्धेय श्री कस्तूरचन्दजी महाराज के जीवन-दर्शन में हमें त्याग, विरक्ति, संयम और भक्ति से परिपूर्ण साधना की पुरानी झलक दृष्टिगोचर होती है । वर्तमान श्रमण संघ में उनका अत्यन्त गौरवपूर्ण स्थान है । यही कारण है कि अभी-अभी आचार्य श्री आनन्द ऋषिजी महाराज साहब ने आपको ' उपाध्याय' के गौरवपूर्ण पद से अलंकृत किया है । Jain Education International श्रद्धेय उपाध्याय श्री कस्तूरचन्दजी महाराज साहब का हृदय अत्यन्त सरल और करुणा से ओत-प्रोत है । समाज के सम्पन्न व विपन्न वर्ग के बीच सम्पर्क सूत्र बनकर वे अपनी उपदेश - धारा से दोनों को लाभान्वित करने में अतिशय सिद्धहस्त हैं । अपनी साधु मर्यादा में रहते हुए संघ वात्सल्य और स्वधर्मी सहायता के प्रति आपकी गहरी आत्म-रुचि है । 'योग्यं योग्येन योजयेत्' के अनुसार इस महत्त्वपूर्ण प्रवृत्ति के प्रति आप सक्रिय हैं, जो आपके हृदय की करुणा का प्रतीक है । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012006
Book TitleMunidwaya Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRameshmuni, Shreechand Surana
PublisherRamesh Jain Sahitya Prakashan Mandir Javra MP
Publication Year1977
Total Pages454
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size10 MB
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