SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 382
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ आचागंग-मूळ तथा भाषान्तर समणे भगवं महावीरे कासावगोरे; तस्सणे इमे तिष्णि णामधेउजा एव माहिज्जतिः-अमापिउसंतिए " बद्धमाणे; " सहसमुदिए “ समणे;" भीमभयभेरवं उरालं अचेलयं परीसह सहइ वि कट्ट देवेहिं से णामं कयं “ समणे भगवं महावीरे " । [१००२] समणस्स भगवओ महावीरस्स पिता कासवगोषेणं; तस्सणं तिणिणामधेज्जा एव माहिज्जति, तंजहा-सिद्धत्येति वा, सेजसेति वा, जससे ति वा । [१००३] समणस्स णं भगवओ महावीरस्स अम्मा वासिद्धसगोता; तीसेणं तिणि णामधेज्जा एव माहिज्जति, तंजहा-तिसला ति वा, विदेहदिण्णा तिवा, पियकारिणी ति वा ।।१०६४] समणस णं भगवओ महावीरस्स पिचियए सुपासे कासवगोत्रण। समणस्स णं भगवओ महावीरस्स जेटे भाया णदिवणे कासवगोरेगे। समणस्स णं भगवआ महावीरस्स जेट्टा भइणी सुदंसणी कासवगोण। भगवान् काश्यपगोत्रीय हता. तेमना आ त्रण नाम बोलाय छे मावापे वर्द्धमान एबुं नाम पाडयु; सहजगुणोथी श्रमण नाम पडलं, अने भयंकर महान् अचेल परीपद सहन करतां देवाए "श्रमण भगवान् महावीर" एवं नाम कयु. (१००२) ___ भगवान्ना पिता काश्यप गोत्रीय; तेमना नण नाम छ:-सिद्धार्थ, श्रेयांरा, यशस्वी. (१००३) - भगवान्नी माता वाशिष्ठ गोगनी तेमना गण नाम :-शिला, विदेहदिन्ना, प्रियकारिणी. (१००४) भगवान्ना काका मृपार्थ, मोटा भाइ नदिवर्धन, मोटी वेहेन सुदर्शना, ए. घधा काश्यपगोत्रीय हता. भगवाननी भार्या यशोदा काँडिन्य गोत्रनी इसी. भगः,
SR No.011502
Book TitleAng 01 Ang 01 Acharang Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavjibhai Devraj
PublisherRavjibhai Devraj
Publication Year1906
Total Pages435
LanguagePrakrit, Gujarati
ClassificationBook_Gujarati, Agam, Canon, & Conduct
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy