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________________ स्वदेशी-आन्दोलन और वायकाट । देशहित-साधक देख पड़ता है उसके अनुयायी बनने तथा उसके अनुसार बर्ताव करने के लिये, वे अपने छात्रगणों को भी उत्तेजित करते हैं। जिन लोगों ने रशिया के वर्तमान आन्दोलन का इतिहास ध्यान देकर पढ़ा होगा, उन्हें यह बात विदित होगी कि उस आन्दोलन में कितने गुरू, कितने अध्यापक और कितने विद्यार्थी शामिल थे। जापान का इतिहास भी इसी बात की गवाही देता है, कि उस देश के राजनैतिक तथा प्रत्येक देशहितैपी आन्दोलन में कालेजों के गुरु और अध्यापकों तथा विद्यार्थियों का प्रधान भाग रहता है । सञ्च गुरु. और अध्यापकों का यही कर्तव्य है, कि वे अपने तरुण विद्यार्थियों को राष्ट्रहित के यथार्थ तत्त्व भलीभांति समझा दें; और युवावस्था से ही उनके मन में देशहित तथा देशभक्ति का बीजारोपण करके उनका ाल - स्वभाव-इस प्रकार का बनावें कि वे यावज्जीवन अपने कर्तव्य से कभी पराङ्मुख न हो। जो गुरू या अध्यापक विदेशी राजा के नौकर हैं-जो गुरू या अध्यापक विदेशी राजा की नीनि और शिमला-परिपद के नियमों के अनुसार अपने छात्रों को 'प्रज्ञाहत' करके निरंतर दासत्व में रखने का प्रयत्न करते हैं-~जो गुरु या अध्यापक अपने उदरपोपण के लोभ से विदेशी राजा के शिक्षा विभाग के अधीन हैं जो गुरु या अध्यापक अपने छात्रों को केवल सरकारी नौकर बनने के योग्य शिक्षा देते हैं जो गुरू या अध्यापक अपने छात्रों को स्वदेशाभिमानी और स्वदेशभक्त होने से रोकत हैं—वे सच्चे गुरू नहीं हैं। उक्त विवेचन से यह वात ध्यान में आ जायगी कि स्वाधीन देशों के कालेज और यूनिवर्सिटी के गुरू और अध्यापकों तथा छात्रों में, और हमारे देश के कालेज और यूनिवसिटी के गुरू और अध्यापकों तथा छात्रों में, क्या भेद है । सच बात यह है, कि राष्ट्रीय या जातीय शिक्षा के काम में हमारे ये गुरू अत्यंत निरुपयोगी हैं। इतनाही नहीं, वे हमारी जातीय शिक्षा के विरोधी हैं। हां, इसमें संदेह नहीं कि वे अंगरेजी साहित्य और विज्ञान के बड़े पंडित हैं । शेक्सपीयर के नाटक, टेनीसन और वर्ड्सवर्थ की कविता, बेकन और हक्सले के निबंध आदि पढ़ाने के लिये ये गुरू योग्य हैं; परंतु वे इस देश की स्वाधीनता और यथार्थ उन्नति के तत्वों की शिक्षा देने के
SR No.011027
Book TitleLecture On Jainism
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLala Banarasidas
PublisherAnuvrat Samiti
Publication Year1902
Total Pages391
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size14 MB
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