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________________ स्वदेशी आन्दोलन और बायकाट । लोप नहीं हो सकता; तथापि इसमें संदेह नहीं कि कालांतर में सरकार का हेतु अवश्य सफल होगा और प्रायः सब महाराष्ट्र - ब्राह्मण सरकारी नौकरी से अलग कर दिये जायेंगे । स्वदेशी वस्तु के व्यवहार की प्रतिज्ञा करनेवालों को उक्त नियम से कुछ शिक्षा लेनी चाहिए। उन लोगों को भी उक्त सरकारी नियम ही का अवलंब करना चाहिए । अर्थात् प्रथम स्वदेश में बनी हुई वस्तुओं का व्यवहार किया जाय; जब वे न प्राप्त हों तब एशिया खंड के किसी देश की बनी हुई वस्तु का व्यवहार किया जाय; जब वह भी प्राप्त न हो तत्र अमेरिका और यूरप के किसी भी देश की वस्तु का व्यवहार किया जाय, परंतु इंगलैंड देश की बनी हुई किसी भी वस्तु का स्वीकार न किया जाय । इस उपाय से हमारे कार्य की सफलता अवश्य हो जायगी । यह बात प्रसिद्ध है कि, इस समय, हमारे देश में सब प्रकार की चीजें नहीं बनती; परंतु इससे हम लोगों को निराश और निरुत्साह न होना चाहिए । यदि सब प्रकार की चीजें नहीं बनती हैं, तो क्या जो चीजें इस समय बनती हैं उन्हीं के व्यवहार का आरंभ हम लोगों का न करना चाहिए ? यदि एकदम सब चीजें नहीं बन सकतीं तो क्या धीरे धीरे हम लोगों को अपनी प्रतिज्ञा का पालन न करना चाहिए ? यदि आपकी, यथार्थ में, यही इच्छा है कि इस देश में सब प्रकार की चीजें बनने लगें तो उपाय यही है कि जो चीजें इस समय अपने देश में बनती हैं उन्हींको काम में लाइये उनके सिवा अन्य किसी विदेशी वस्तु का स्वीकार न कीजिये । इस उपाय के अवलंब से, थोड़ेही समय में, हमारे देश में, और और सब चीजें भी बनने लगेंगी । यह उपाय सर्वथा निरपवाद तथा निर्भय है । यह साध्य और श्रेयस्कर भी हैं; पर इसमें दृढ़ बल और निश्चय की आवश्यकता है । यदि इस देश के सब लोग यही निश्चय करलें, कि हम केवल स्वदेशी वस्तु का व्यवहार करेंगे, तो देश में एक विलक्षण शक्ति उत्पन्न हो जायगी । सारांश, स्वदेशी वस्तु का स्वीकार और विदेशी वस्तु का त्याग किये बिना हमारे देशभाइयों की वर्तमान दशा में कदापि सुधार होने की आशा नहीं की जा सकती । स्मरण रहे कि कल्याण करनेवाले किसी भी मनुष्य की दुर्गति नहीं होती । गीता में लिखा है कि- "नहि कल्याणकृत् कश्चित् दुर्गतिं तात गच्छति । " ૨૪
SR No.011027
Book TitleLecture On Jainism
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLala Banarasidas
PublisherAnuvrat Samiti
Publication Year1902
Total Pages391
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size14 MB
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