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________________ छण्णउइइमो समवानो छियानवेवां समवाय १. एगमेगस्स गं रणो चाउरत चक्कवट्टिस्स छण्णउइं-छण्णउई गामकोडीयो होत्था। १. प्रत्येक चातुरंत चक्रवर्ती राजा के ___ छियानवे-छियानवे करोड़ ग्राम थे। २. वाउकुमाराणं छण्णउई भवणा वाससयसहस्सा पण्णत्ता। ३. ववहारिए रणं दंडे छण्णउई अंगुलाई अंगुलपमाणेणं। ४. ववहारिए गं धणू छण्णउई अंगुलाई अंगुलपमाणेणं। ५. ववहारिया णं नालिया छण्णउई अंगुलाई अंगुलपमारणेणं । ६. ववहारिए पं जुगे छण्णउई अंगुलाई अंगुलपमाणेणं। २. वायुकुमारों के छियानवे शत-सहस्र/ लाख भवनावास प्रज्ञप्त हैं। ३. व्यावहारिक दण्ड, अंगुल-प्रमाण से छियानवे अंगुल प्रज्ञप्त है। ४. व्यावहारिक धनुष, अंगुल-प्रमाण से छियानवे अंगुल प्रज्ञप्त है । ५. व्यावहारिक नालिका, अंगुल-प्रमाण से छियानवे अंगुल प्रज्ञप्त है। ६. व्यावहारिक युग, अंगुल-प्रमाण से छियानवे अंगुल प्रज्ञप्त है। ७. व्यावहारिक अक्ष, अंगुल-प्रमाण से छियानवे अंगुल प्रज्ञप्त है। ८. व्यावहारिक मुशल, अंगुल-प्रमाण से छियानवे अंगुल प्रज्ञप्त है। ६. पाभ्यन्तर मण्डल में प्रथम मुहूर्त छियानवे अंगुल की छाया वाला प्रज्ञप्त है। ७. ववहारिए णं अक्खे छण्णउई अंगुलाई अंगुलपमाणेणं। ८. ववहारिए णं मुसले छण्णउई अंगुलाई अंगुलपमाणेणं। ६. अनंतरानो आइमुहुत्ते छण्ण उई अंगुलछाए पण्णते। समवाय-सुत्तं १६६ समवाय-६६
SR No.010827
Book TitleAgam 04 Ang 04 Samvayang Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraprabhsagar
PublisherPrakrit Bharti Academy
Publication Year1990
Total Pages322
LanguageHindi, Prakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, & Canon
File Size10 MB
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