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________________ ਬਿਕ वि० ११६ ॐ ह्री सुगन्धनामकर्म र हिताय नय अध्यं । गंध विशेष अशुभ है, नामकर्म तन धार ॥स्वच्छ०॥१००॥ ॐ ह्री दुर्गन्धनामकर्म रहिताय नमः श्रध्यं । स्वाद विशेष न तिक्त है, नामकर्म तन धार ॥ स्वच्छ०॥१०१॥ ॐ ह्री तिक्तरसरहिताय नम अध्यं । स्वाद विशेष न कटुक है, नामकर्म तन धार || स्वच्छ०॥१०२॥ ॐ ह्री कटुकरसरहिताय नमः अध्यं । स्वाद विशेष न श्राम्ल है, नामकर्म तन धार ॥स्वच्छ०॥१०३॥ ॐ ह्री आम्लरसरहिताय नम अध्यं । स्वाद विशेष न मधुर है, नामकर्म तन धर ॥स्वच्छ०॥१०४॥ ॐ ह्री मधुरसरहिनाय नम अध्यं । स्वाद विशेष न कषाय है, नामकर्म तन धार ॥स्वच्छ०॥१०५॥ ॐ ह्री कषायरस रहिताय नम अर्घ्यं । फर्स विशेष न नर्म है, नामकर्म तन धार || स्वच्छ०॥१०६ ॥ ॐ ह्री मृदुत्वस्परहिताय नम अध्यं । फर्स विशेष न कठिन है, नामकर्म तन धार ॥स्वच्छ ॥ १०७ ॥ nnou पचम पूजा ११६
SR No.010799
Book TitleSiddhachakra Vidhan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSantlal Pandit
PublisherVeer Pustak Bhandar Jaipur
Publication Year
Total Pages442
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript, Ritual, & Vidhi
File Size10 MB
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