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________________ ८२६ युगवीर-निबन्धावली प्रश्न-~-गूंगा कोन है ? उत्तर-जो समय पर प्रिय वचन बोलना नहीं जानता। प्रश्न-अन्धेसे भी अन्धा कौन है ? उत्तर-जो रागी है--किसी विपयमें आसक्त होकर विवेक शून्य हो गया है। प्रश्न-जागता कोन है ? उत्तर-जो विवेकी है-भले-बुरेको पहचानता है ? प्रश्न-सोता कौन है ? उत्तर-जो मूढताको अपनाये रखता है और आत्मामे विवेकको जाग्रत नही होने देता। प्रश्न-पूज्य कौन है ? उत्तर-जो सच्चारित्रवान् है । प्रश्न-दरिद्रता क्या चीज है ? उत्तर-असतोषका नाम दरिद्रता है, जहां संतोष है वहाँ दरिद्रताका नाम नही। प्रश्न-नरक क्या है ? उत्तर-पराधीनताका नाम नरक है । प्रश्न--मित्र कौन है ? उत्तर-जो पापोमे प्रवृत्त होने अथवा कुमार्गमे जानेसे रोकता है। प्रश्न-मनुष्यका असली आभूषण क्या है ? उत्तर-पवित्र आचार-विचाररूप शील । प्रश्न-वाणीका भूषण क्या है ? उत्तर--सत्यताके साथ प्रिय भाषण । प्रश्न---असली मरण कौन-सा है ?
SR No.010793
Book TitleYugveer Nibandhavali Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJugalkishor Mukhtar
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1967
Total Pages881
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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