________________
राजस्थान में हिन्दी के हस्तलिखित ग्रन्थों की खोज
(चतुर्थ भाग)
(क) पुराण-इतिहास ( १ ) अध्यात्म रामायण- रचयिता-माधोदास
.............''जा उणि अत्रये दोउ दसरथ के पुत्र । जेष्ठ राम लखमण दी नी ज्व, श्रीदामोदर के सिखि मधुवातव । यो प्राकृत बांधे विश्राम, गायो श्रापणों जस श्रापे राम ॥ ८ ॥ ब्रह्मांड पुराण को खंड इह, उत्तर उत्तरकाण्ड रामायण कौ सूत्र । वकता सित्र श्रोता पारवती, तिनकू सीताराम प्यारे मति ॥ १० ॥ बार हौ विश्राम सरब सुख बत्रे, चौपई तोनि प्रागली बवै । एक एक अतर तणो उचार, जीवन कू' करै मुकत निरमाय ॥ ६१ ॥ बालमीकि रामायण जपे सलोक सत्रहसै तिनके भये । माधवदास कहै जयराम, मेरौ दौड रामायण सन काम ॥ १२ ॥ संवत् सोलह से असी एक कार्तिक वदि दसमी सुविवेक । श्राव सुखवरता शशिवार जपो सीताराम जगत कू' अाधार || ६३ ॥ इति श्री अध्यात्म रामायणे उत्तरकांडे द्वादसो विश्राम समास;
इति संवत् १७८१ वर्षे पोपमासे कृष्णपखे नवम्यां तिथौ बुधवासरे श्रीश्रीश्री. रामायण लिखितम् । ब्राह्मण पारीक व्यास गोलवाल सुन्दरलाल ज्येष्ठात्मज
शुभं मूयात् प्रति पत्र २७० व. १४ अ.४० साईज १३४७
[ स्थान- अनूपसंस्कृत पुस्तकालय, बीकानेर ]