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________________ भ० ऋषभनाथका वृत्तांत ४६६ - - ह-वाराणसीमें ('बनारसमें ) पद्मोतर राजा और ज्वाला रानीक पद्म नामक पुत्र नवें चक्रवती होंगे। उनकी आयु तीसहजार बरसकी और काया वीस धनुषकी होगी। १०- कांपिल्य नगरमें महाहरि राजा और मेरादेवीके पुत्र हरिषेण नामक दसवें चक्रवर्ती होंगे। उनकी आयु दस हजारबरसकी और काया पंद्रह धनुषकी होगी। ये दोनों (पद्म और हरिषेण ) चक्रवर्ती मुनिसुव्रत और नमिनाथ अहंतके समयमें होंगे। ११-राजगृह नगरमें विजय राजा और वप्रादेवीके जय ' नामक पुत्र ग्यारहवें चक्रवर्ती होंगे। उनकी आयु तीन हजारवरसकी और काया बारह धनुषकी होगी। वे नमिनाथ और नेमिनाथके अंतरमें होंगे। वे तीनों (पद्म, हरिषेण और जय) चक्री मोक्षमें जाएँगे। १२-क्रांपिल्य नगरमें ब्रह्म राजा और चुलनी रानीके ब्रह्मदत्त नामक पुत्र बारहवें चक्रवर्ती होंगे। उनकी आयु सातसौ बरसकी और काया सात धनुषकी होगी। वे नेमिनाथ और पार्श्वनाथके अंतरमें होंगे और रौद्र ध्यानमें मरकर सातवीं नरकभूमिमें जाएँगे। (३२६-३३७) ___ वासुदेव और बलदेव ऊपर कहे अनुसार तीर्थंकरों और चक्रवर्तियोंकी बातें कहकर प्रभुने, भरतके न पूछनेपर भी, कहा-"चक्रवर्तियोंसे आधे पराक्रमवाले और तीन खंड पृथ्वीका उपभोग करनेवाले
SR No.010778
Book TitleTrishashti Shalaka Purush Charitra Parv 1 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKrushnalal Varma
PublisherGodiji Jain Temple Mumbai
Publication Year
Total Pages865
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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