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________________ ६०८ आगम के अनमोल रत्न क्षेमक गृहपति 1 क्षेमक गृहपति काकन्दी नगरी के रहने वाले थे । इन्होंने भग-वान महावीर के समीप दीक्षा लेकर सोलहवर्ष तक चारित्र का पालन. किया और अन्त में विपुल गिरि पर सिद्ध हुए । धृतिधर गृहपति ये गृहपति भी काकन्दी के ही निवासी थे । इन्होंने भी भगवान के पास दीक्षा ग्रहण कर सोलह वर्ष तक चारित्र का पालन किया और अन्त में विपुल पर्वत पर सिद्ध गति प्राप्त की । कैलास गृहपति साकेत नाम के नगर में कैलास नामक धनाढ्य गृहपति रहता था । उसने भगवान महावीर का उपदेश श्रवण कर प्रवज्या ग्रहण की और बारह वर्ष तक चारित्र का पालन कर अन्त में विपुल गिरि पर सिद्धत्व किया !, हरिचन्दन गृहपति ये साकेत नगरी के रहनेवाले थे । भगवान महावीर के पास दीक्षा लेकर बारह वर्ष तक चारित्र का पालन किया और अन्त में. विपुलगिरि पर सिद्ध हुए । - बारवत्तक गृहपति ये राजगृह के निवासी थे। इन्होंने भगवान के पास दीक्षा ग्रहण कर बारह वर्ष तक चारित्र का पालन किया और अन्त में विपुल पर्वतपर सिद्ध हुए । सुदर्शन गृहपति t ये' वाणिज्यग्राम के निवासी थे । इन्होंने भगवान महावीर के समीप दीक्षा ग्रहण की और पांच वर्ष तक चारित्र का पालन किया भन्त में विपुल पर्वत पर सिद्धत्व प्राप्त किया । ī : ,
SR No.010773
Book TitleAgam ke Anmol Ratna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHastimal Maharaj
PublisherLakshmi Pustak Bhandar Ahmedabad
Publication Year1968
Total Pages805
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size24 MB
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