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________________ भामद् राजचन्द्र ९. पत्रांक ५८ धर्मके मतभेद (१) ५९ धर्मके मतभेद (२) ६. धर्मके मतभेद (३) ६१ मुखके विषयमें विचार (१) ६२ सुखके विषयमें विचार (२) ६३ सुखके विषयमें विचार (३) ६४ सुखके विषयमें विचार (४) ६५ सुखक विषयमें विचार (५) ६६ सुखके विषयमें विचार (6) ६७ अमूल्य तत्वविचार (कविता) ६८ जितेन्द्रियता ६९ ब्रह्मचर्यकी नौ बारे ७. सनत्कुमार (१) १ सनकुमार (२) ७२ बत्तीस योग ७३ मोशमुख ७४ धर्मभ्यान (1) ७५ धर्मग्यान (२) ७६ धर्मभ्यान (३) ७७ ज्ञानके संबंधी दो शब्द (१) ७८ ज्ञानके संबंध दो शब्द (२) ७९ सानके संबंध दो शब्द (३) ८.शानके संबंध दो शब्द (.) ८१ पंचमकाल ८२ तत्त्वावबोध (१) ८३ तत्त्वावबोध (२) ८४ तत्वावबोध (३) ८५ तत्वावबोध (४) ८६ तत्त्वावदोष (५) ८७ तत्वावबोध (६) ८८ तत्वावबोध (७) ८९ तत्त्वावबोध (८) ९० तत्वावबोध (९) ९१ तत्वावदोष (१०) ९२ तत्वावबोध ( ११) ९३ तत्वावबोध (१२) १४ तत्वावबोध (१३) ९५ तत्वावबोध (१४) १६ तत्वावबोध (१५) ९७ तत्वाववोष (१६) पृष्ठ पत्रांक पृष्ठ ५७-५८ / ९८ तत्त्वावोष (१७) ५८-५९ / ९९ समाजको आवश्यकता ५९-६० १.० मनोनिग्रहके वित्र ९१-९२ ६०-६१ १.१ स्मृतिम रखने योग्य महावाक्य ६१-६२ | १०२ विविध प्रभ (१) ९२-९३ ६२-६३ | १०३ विविध प्रम (२) ९३-९४ ६३-६४ | १०४ विविध प्रम (३) ६४-६५ १०५ विविध प्रभ (४) ६५-६६ / १.६ विविध प्रम (५) ९५-९६ ६६-६७ | १०७ जिनेश्वरकी वाणी (कविता) ६७-६८ |१०८ पूर्णमालिका मंगल (कविता) ६८-६९ १८ वाँ वर्ष ६९-७० ५भावनाबोध ९७-१२० ७०-७१ उपोदात ७१-७२ प्रथमदर्शन-बारह भावनायें १००-१.१ ७२-७३ प्रथम चित्र-अनित्य भावना ७३-७४ -मिखारीका खेद १०१-१०२ ७४-७५ द्वितीय चित्र-अशरण भावना ७५-७६ -अनाथी मुनि तृतीय चित्रएकत्व भावना ७६-७७ -नमिराजर्षि ७७-७८ चतुर्य चित्र-एकत्व भावना ___७८ -मरतेश्वर १.७-१११ ७८-७९ पंचम चित्र-अशुचि भावना १११-११२ ८.-८१ अंतर्दर्शन८१-८२ षष्ठ चित्र-निवृत्तिवोध ८२ -मृगापुत्र ११२-११७ ८२-८३ ससम चित्र-आभव भावना -कुंडरीक माम चित्र-संवर भावना ८४-८५ -पुंडरीक ८५-८६ -वप्रस्वामी ८६ नवम चित्र-निर्जरा भावना -प्रहारी ११९-१२. दशम चित्र-लोकस्वरूप भावना १९ वाँ वर्ष ८४-८९ ६ एकांतवाद ज्ञानकी अपूर्णताकी निशानी है १२१ ८९-९० ७ वचनामृत । ८हितवचन १९८ ८४ १८ tv-66 ८८ २२१-६
SR No.010763
Book TitleShrimad Rajchandra Vachnamrut in Hindi
Original Sutra AuthorShrimad Rajchandra
Author
PublisherParamshrut Prabhavak Mandal
Publication Year1938
Total Pages974
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, N000, & N001
File Size86 MB
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