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________________ ५०. श्री शत्र जय तीर्थ स्तवन ७ साँभलि हे सखि सांभलि मोरी ३४ ५१. श्री शत्र जय तीर्थ स्तवन ५ मन मोह्यउ हे सखी गरुयह ३५. ५२. श्री विमलगिरि वघामाणा गीतम् ३भाव धरि धन्य दिन पाज २६ ५३. श्री विमलाचल यात्रा मनोरथ गीत ६ नरग विछोहउ परिहरी ५४. श्री विमलाचल विधि यात्रा गीत ७ सुग सुरण बीनतडी प्रिउ मोरा ३७ ५५ श्री शत्रुञ्जय यात्रा मनोरथ गीत-अपूर्ण-सखी प्राणु हे नालेर ३८ ५६ श्रीपालोयणा गमित श्री शत्र जय स्तवनम् २७ कर जोड़ी इम वीनवु २७. श्री आबू तीर्थ स्तवनम् ७ सुकलीणी प्रिउ नइ कहई ४१ ५८. श्री गिरनागर तीर्थ यात्रो स्तवन ७ मोरी बहिनी हे वहिनी म्हारी ४२ ५६. श्री बीकानेर मण्डन चौवीसटा आदिनाथ गीतम् ३ चालउ हिव जउवीसटइ ४३ ६०. श्री बीकानेर मडन सुमतिनाथ गीतम, ५ चउमुख तीन त्रिभूमिया ६१. श्री वासुप ज्य स्तवनम् ६ बहिनी एक वयण अवधारउ ४४ ६२ श्री बीकानेर मडन ,, नमिनाथ स्तवनम, ५ श्री नमिनाथ जुहारिया ६३ श्री नेमिनाथ चतुर्मासकम् ४ श्रावण मइ प्रीयउ स भरई , ४५ (ई) ४४ ४५
SR No.010756
Book TitleJinrajsuri Krut Kusumanjali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta
PublisherSadul Rajasthani Research Institute Bikaner
Publication Year1961
Total Pages335
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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