SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 16
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ६४, श्री नेमिनाथ गीतम, ५ तउ तुम्ह तारक यादुराय ६५. श्री नेमि राजीमती । वियोग सूचक गीतमः ३ मेरइ नेमिजी इक सयरण ४७ ६६. श्री लौद्रवपुर पाश्व . नाय स्तवनम् ७ 'लोद्रपुर' पास प्रभु भेटीयइ ४७ ६७. श्री लौद्रवपुर पार्श्वनाथ गीतम, ७ आज नइ वधावउ हे सहीअर ४८ ६८. श्री गोड़ी पार्श्वनाथ स्तवन ७ वालेसर मुझ वीनती 'गउड़े चा' राय ४६ ६६. श्री प्रमोझरा ___ पार्श्वनाथ गीत ६ परतखि पास अमीझरइ ४६ ७०. श्री-सखेश्वर । . पाश्च नाथ गीतम, ५ करिवउ तीरथ तउ मूकी रथ ५० ७१. श्री सखेश्वर . पाश्वनाथ गीत ४ पासजी की मूरति मो मन भाई ५१ ७२. श्री सहसफरणा पार्श्वनाथ गीतम् ६ देखउ माई पूजा मेरे प्रभु को. ५१ ७३. श्री वाड़ी पार्श्वनाथ गीतम् ५ मेलिज़ जमक सब गावा तरसइ ५२ ७४. श्री चिंतामणि - पाश्ननाथ गोतम, ८ नील कमल दल साउली . ५३ ७५ श्री गुणस्थान विचार । गभित पार्श्वनाथ स्तवन १६ नमिय सिरिपांस जिण सुजण ५४ ७६. श्री विक्रमपुर माइन. ___ . वीर जिन गीतम. ५ भाव भगति धरि पावउ सहिअरि ५८ ७७. श्री वीर जिनगीतम, ३ हम तुम्हे 'वीरजी' क्युप्रीति ५८
SR No.010756
Book TitleJinrajsuri Krut Kusumanjali
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta
PublisherSadul Rajasthani Research Institute Bikaner
Publication Year1961
Total Pages335
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy