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________________ • २६ वीरवारण " " Error arrrr» . ___" , امه له चूडो हेरूसू चवै पाछो वचन प्रियोग दूहा १५६ . हूँ मामो मारू नहीं धर चित जा तू धीरियां दूहा १६० धीरप दे मिल धीरस दूहा १६१ सुगन लेट चढियो सरस वेर लेण वरवीर " " चढ घर चलाया नीसाणी १११ गड गड चबंक गाजिया अस षडिया उनां वरै बैडा ऊजड वाटते भाला पात्र ठहकिया '. सूतां फोही सबद सुण श्रव गल सीहो ऊचरै अलगास अस घेड़िया नीसाणी ११२ ऊठ वेदला जोइया सूतो कन जंगे निस आधी पल नेमियो दूहा १६२ घण सिर फटै घट पांगां किरमर पाकड़े रिदे जालधर रट्ट दूहा १६३ . लेवण वीजल वट्ट पूरां ही बल हट् दूहा १६४ ईमां पिलंग घरट " , नवगढ पत्त नरेस दूहा १६५ देउ सपियां साथ ले नीसाणी ११३ वाधावे गोगे कमध वैर पितारो वालियो तिलक कियो इण कारण .. कहियो जद गोगे कम नीसाणी ११४ सिर दूं मारो काटकर हेमु पमंग पड़ाहियो पवरां मेलू धीरपै भिट न माई " " م ه ه ه ه ه ه ه ه ه ه م ه » مع مما
SR No.010752
Book TitleVeervaan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRani Lakshmikumari Chundavat
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1960
Total Pages205
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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