SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 169
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ वीरवाण २५ पृष्ठ नीसाणी १०४ दूहा १५१ नीसाणी १०५ Emr_wr ort Mr ur bae. ,१०६ " " माला सू चूडो मिलै मन चिन्त मिटावै उगमसी नै प्राषियो मंडोवर (मैं) दी कर महर चांमंडरै बरसू करै चंडी वर हुय चुंडकू संग चूंडा लाया छल वींधा बल दाषिया हर बल ईदा रांण हुय ऐम तलेठी आविया सो गाडा उगम सरत्र गड भितर लाया . 'मुगला दोय हजार राज मंडावर चूंड . रिघू मंडोवर राज ऊगम चूडे अागला किलमां थांणी काटिया इदांजिम करजो अवर दिवी मंडोवर दायजे चूंडो चंवरी चाड़ सेत्रावैसू भ्रात सब जसो गोग देवराज __" " दूहा १५३ नीसणी १०७ दूहा १५४ दूहा १५५ m.2r or m rrrrrrrr saarur दूहा १५६ दूहा १५७ नीसाणी १०८ मंडोवर रो भोमियो सजियो गोग-सकाज उठिदो दैतज कालियो एही गल ऊचर महर हुई सिरकर मया वप गोगै वल वादियो .. जपियो जाल धर बल हाली कल जाट सू . . . . ऊठ दलो घर आवियो . ऊदल धीरै जान संग पूगल पाघारी नीसाणी १०६
SR No.010752
Book TitleVeervaan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRani Lakshmikumari Chundavat
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1960
Total Pages205
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy