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________________ ७४ ३ स्मरण केला कुछ वस्तुएं अपने गुण-समत्व के कारण याद रह जाती हैं; जैसे कि-मिसरी और गुड, दूध और दही, प्रताप और शिवाजी तथा नेहरूजी और पटेल; और भी अनेक प्रकार से समानता को घटित किया जा सकता है। (२) विरुद्धा-कुछ वस्तुएँ एक दूसरी से बिलकुल विरुद्धता धारण करने के कारण भी याद रह जाती है। जैसे कि-रात और दिवस, अग्नि और पानी, चूहा और बिल्ली, सर्प और नकुल, वेश्या और सती, चीर और साहूकार, राम और रावण, कृष्ण और कस, गांधीजी और गोडसे । गुणो के विषय मे भी ऐसे ही होता है जैसे कि पुण्य और पाप, धवल और काला, कडवा और मीठा, चतुर और नासमझ, भला और बुरा आदि । ' (३) तादात्म्य-कुछ वस्तुएं एक दूसरे मे ओत-प्रोत होने के कारण ही याद आ जाती है। जैसे-दूध और पानी, हृदय और भावना, मन और विचार, मागर और विशालता, महावीर और अहिंसा, गाधीजी और सत्य । (४) निकटता-कुछ वस्तुएं एक दूसरी के साथ पैदा होने के कारण या साथ रहने के कारण याद रह जाती हैं । जैसे कि-राधा और कृष्ण, राम और सीता, शकर और पार्वती, महावीर और गौतम*, भरत और बाहुबलि, नौका और नाविक, खड़ी और कलम, खीर और पूडी नथा वणिक-ब्राह्मण, पति-पत्नी, भाई-बहन, हरड-वहेड़ा, खरल-दस्ता आदि । (५) कार्य भाव-कुछ वस्तुएँ एक वस्तु का कार्य या परिणाम रूप होने के कारण याद रह जाती है। जैसे कि-बर्फ और पानी, स्वर्ण और आभरण (जेवर) अहिंसा और धर्म । (६) कारण भाव -कुछ वस्तुएं एक वस्तु को कारण रूप होने की वजह से याद रह जाती है। जैसे कि-बीमारी और अजीर्ण, बीमारी और चूहे, वृक्ष और वीज, मुगी और अण्डा, भोजन * भगवान महावीर स्वामी और उनके मुख्य शिष्य इन्द्रभूति गौतम । ६ अादि चक्रवर्ती भरत और उनके भाई वाहुबलि ।
SR No.010740
Book TitleSmarankala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhirajlal Tokarshi Shah, Mohanlalmuni
PublisherRajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur
Publication Year1980
Total Pages293
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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