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________________ स्मरण कला 3 १३ २. बहुत प्रयत्न करने पर भी उसे वह वस्तु हूबहू याद नही रहती है। वह अथवा तत्सम्बन्धी महत्त्व की घटनाएं स्मृति मे रख नही सकता। ३. थोडे समय के बाद ही वह बिल्कुल याद नही कर सकता। ४. ध्यान देने पर भी याद नही कर सकता है अथवा एक के बदले दूसरी बात प्रस्तुत कर देता है। प्रश्न-एक मनुष्य को एक बात बराबर याद रहती है और दूसरी बात बरावर याद नही रहती इसका क्या कारण है ? यदि स्मरण शक्ति तीव्र हो तो सब बाते बराबर याद रहनी चाहिये ।। उत्तर-यह प्रश्न विभागीय मंदता से सम्बद्ध है । एक मनुष्य को एक बात बराबर याद रहती है और दूसरी अच्छे प्रकार से ध्यान मे नही रहती, इसका मुख्य कारण रस की न्यूनाधिकता है। जिस विषय मे उसको रस होता है, उस तरफ उसका लक्ष्य बराबर दौडता है, परिणाम स्वरूप उसमे एकाग्रता आ जाती है, इसलिए उस विषय के छोटे-मोटे अनेक पहलुमो को शीघ्रता से ग्रहण कर लेता है, परन्तु जिस विषय मे उसको रस नहीं होता है, उस तरफ उसका दुर्लक्ष्य हो जाता है, इसलिये उसमे सजग एकाग्रता नही पा पाती। परिणाम स्वरूप वह वस्तु उसको याद नहीं रहती। एक लडका सिनेमा का गायन जल्दी सीख जाता है। और एक या दो बार सुनकर ही उसको याद कर लेता है और बहुत बार तो उसको उसी लहजे मे गाता है, परन्तु कोई धार्मिक भजन या कीर्तन वह उतना जल्दी याद नही कर सकता, उसकी राग जल्दी ग्रहण नहीं कर सकता, इसका कारण यह है कि उस विषय मे उसको इतना रस नहीं है । एक लड़के को यह पूछा जाए कि क्रिकेट का अन्तिम मेच जब खेला गया तब कौन-कौन खिलाडी थे, उन्होने कैसा खेल खेला ? और उस बार किसने कितने रन किये तो वह सब बराबर बता देगा, परन्तु उससे यदि यह पूछा जाए कि अपने देश के मत्रीमण्डल मे कितने सदस्य है, उनके क्या-क्या नाम हैं ? और वे देश के कौन कौन से भाग से आये हुए है ? तो वह अपना सिर खुज. लाने लगेगा। कारण कि उसने क्रिकेट मे पूरा-पूरा रस लिया है,
SR No.010740
Book TitleSmarankala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhirajlal Tokarshi Shah, Mohanlalmuni
PublisherRajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur
Publication Year1980
Total Pages293
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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