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________________ पत्र चतुर्थ स्मरण-शक्ति के प्रकार प्रिय बन्धु ! प्रस्तुत विषय मे तुम्हारा रस दिन-प्रति दिन वृद्धि पा रहा है; उसे देख कर आनन्दित हूँ। तुम्हारे प्रश्नो के उत्तर इस प्रकार प्रश्न-स्मरण शक्ति कितने प्रकार की है ? उत्तर-स्मरण-शक्ति मूल तो एक ही प्रकार की है, पर उसकी अवस्था के आधार पर उसके विभिन्न प्रकार हो जाते हैं । जैसे कि अति मद, मद, विभागीय मंद, तीव्र, तीव्रतम और अदभुत आदि आदि। प्रश्न-एक मनुष्य की स्मरण शक्ति तीन है और दूसरे की मन्द है-इस कथन का क्या अभिप्राय होता है ? उत्तर-एक मनुष्य की स्मरण-शक्ति तीव्र है यह कहने का तात्पर्य है कि१. वह थोड़े से प्रयत्न से याद रख सकता है। २. वह बहुत अतीत की बात याद रख सकता है। ३ वह बहुत समय तक याद रख सकता है । ४ यदि जरूरत पडे तो वह वरावर स्मृति मे ला सकता है । इसके विपरीत एक मनुष्य की स्मरण शक्ति मंद है- इस कथन का अर्थ यह है कि१. उसे एक बात को याद रखने के लिए बहुत प्रयत्न करता पड़ता
SR No.010740
Book TitleSmarankala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhirajlal Tokarshi Shah, Mohanlalmuni
PublisherRajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur
Publication Year1980
Total Pages293
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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