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________________ स्मरण कला ११ १४. मित्र को लिखा पत्र पत्नी के लिफाफे मे और पत्नी को लिखा पत्र मित्र के लिफाफे मे डाल दिया जाय । कहने की जरूरत नही कि ऊपर की परिस्थिति मे निर्बल स्मरण शक्ति के प्रताप से उसका मालिक कितने नुकसान, कितनी निराशा और कितनी बदनामी को भोगता है। प्रश्न-स्मरण शक्ति को विकसित करने से क्या लाभ होता है ? उत्तर- स्मरण शक्ति सुधरे तो मनुष्य अपने विषय मे। निष्णात बनकर यश और लाभ प्राप्त कर सकता है। वह कोई नया विषय सीखना चाहे तो बहुत शीघ्रता और सरलता से सीख सकता है। वैसे ही वह विपय दूसरो को सिखाना हो तो अच्छी तरह से सिखाया जा सकता है और भजन कीर्तन करना हो, बातचीत करनी हो, कहानी कहनी हो, उपदेश देना हो, प्रवचन करना हो तो सामान्य-व्यक्तियों की अपेक्षा स्मृति-समृद्ध व्यक्ति सुन्दर पद्धति से सम्पन्न करता है। सक्षेप मे स्मरण-शक्ति के विकास से मन की समग्र शक्तियाँ विकस्वर हो जाती हैं । मगलाकाक्षी धी० मनन स्मरण-शक्ति बुद्धि का आधार है। समस्त विकासो का मूल है। सब प्रवृत्तियों में उपयोगी है। आगे बढने के लिये अत्यन्त सार्थक साधन है।
SR No.010740
Book TitleSmarankala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhirajlal Tokarshi Shah, Mohanlalmuni
PublisherRajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur
Publication Year1980
Total Pages293
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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