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________________ १० स्मरण कला लाई टेनिसन ने अपनी एक काव्य कृति मे स्मृति देवी को अर्घ्य चढाते हुये कहा है कि भूतकाल के भण्डार मे से तेजः पुज को लेकर वर्तमान काल को प्रकाशित करने वाले यो स्मृति के मधुर प्रभात | तुम मेरी कुछ भावनाओ की मुलाकात लो तथा मुझ अज्ञान मूच्छित को नया आलोक दो, नया वल दो। नीचे के मुद्दो पर विचार करने से स्मरण-शक्ति का महत्त्व समझ सकोगे१. विद्यार्थी परीक्षा देने जा रहा है, पर कोई पाठ याद नही आ रहा है । २. वकील न्यायालय मे जा रहा है पर कानून के नियमो उपनियमो को भूल रहा है । ३ चिकित्सक एक नुस्खे मे एक दवा के बदले मे दूसरी दवा लिख देता है। ४. रगमच पर एक नट अभिनय कर रहा है, पर तैयार किया हुआ पाठ याद नही पाता है । ५ संगीतकार जलसा जमाने के लिये बैठा है पर संगीत की तर्ज ही भूल गया है। ६. व्यापारी एक ग्राहक को एक के बदले दूसरा भाव बता- देता है। ७. सर्राफ दिवानी दावे मे कोर्ट की तारीख भूल जाता है जिससे अदालत मे हाजिर नही हो पाता है। ८ एक बीमार अपथ्य और पथ्य का भेद भूल कर अपथ्य वस्तु का सेवन कर लेता है। ६ नगर से अपरिचित मित्र बड़े शहर मे आ रहा है, पर उसके सामने स्टेशन पर जाना भूल जाता है । १०, महत्त्वपूर्ण दस्तावेजो का गट्ठर गाडी मे ही रह जाता है । ११ बैक की चेक बुक जेब से गिर जाती है । १२ अावश्यक वस्तु रख कर भूल जाता है। १३, किसी को कोई वस्तु दी, वह याद नही आ रही है ।
SR No.010740
Book TitleSmarankala
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhirajlal Tokarshi Shah, Mohanlalmuni
PublisherRajasthan Prakrit Bharti Sansthan Jaipur
Publication Year1980
Total Pages293
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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